मधुबनी। जिला पदाधिकारी डॉ. निलेश रामचन्द्र देवरे ने शनिवार को वीसी से जिले में कार्यान्वित नल-जल एवं पक्की गली- नली योजना की प्रगति की समीक्षा की। इसमें डीडीसी अजय कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला समन्वयक-बिहार विकास मिशन, प्रखंड विकास पदाधिकारियों, मुखिया, सहायक अभियंता, लेखापाल समेत अन्य पदाधिकारी शामिल हुए। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने राज्य स्तर पर उक्त योजना के रैंक में जिले की स्थिति निम्न पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही राजनगर, रहिका, पंडौल, हरलाखी, लदनियां में नल-जल एवं पक्की गली-नली योजना कार्य की प्रगति निर्धारित लक्ष्य से काफी कम होने पर जमकर फटकार लगाई। संबंधित बीडीओ को उक्त योजनाओं को अविलंब पूर्ण कराने का निर्देश दिया। जिला पंचायती राज पदाधिकारी को प्रखंड विकास पदाधिकारी, हरलाखी से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया। उन्होंने इस दौरान कहा कि नल-जल योजना काफी महत्त्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य लोगों को न केवल स्वच्छ जल उपलब्ध कराना है, अपितु उन्हें विभिन्न प्रकार के दूषित जल जनित रोगों से भी बचाना है। इसी प्रकार पक्की गली योजना के बारे में कहा कि बिहार जैसे बाढ़ प्रभावित मधुबनी जिले में जल की निकासी के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही एवं लापरवाही पाए जाने पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
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जिलाधिकारी ने सभी बीडीओ को पंचायतवार समीक्षा कर कार्य अविलंब पूर्ण कराने का निर्देश दिया। जिला पंचायती राज पदाधिकारी को सभी प्रखंडों में कार्यरत अन्य पर्यवेक्षीय पदाधिकारी को विभिन्न पंचायतों का नोडल पदाधिकारी नियुक्त कर पर्यवेक्षण कराने का निर्देश दिया गया। साथ ही कार्यो में आ रही त्रुटियों के निराकरण हेतु समुचित कार्रवाई करने तथा जिले के लक्ष्य को ससमय पूर्ण करते हुए शीर्ष पर पहुंचाने का निर्देश भी दिया। कार्यपालक अभियंता-पीएचईडी ने सभी बीडीओ को प्रखंडवार खराब चापाकलों की सूची भेजने का निर्देश दिया।
Posted By: Jagran
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