नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 ( International Yoga Day 2020 ) पर राष्ट्र को संबोधित करेंगे। महामारी ( Coronavirus Crisis ) फैलने से पहले की योजना के अनुसार, लेह में उनका संबोधन निर्धारित किया गया था, लेकिन अब वह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से ही राष्ट्र को संबोधित करेंगे। International Yoga Day हर साल 21 जून को मनाया जाता है। इस बीच एक सवाल कई बार उठता है कि योग दिवस ( Yoga Day) के लिए 21 जून को ही क्यों चुना गया। आइए जानते हैं कि 21 जून को ही इस खास दिन के लिए क्यों चुना गया?
21 जून ही क्यों?
विशेषज्ञों की मानें तो भारतीय संस्कृति में ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। इसके अतिरिक्त 21 जून वर्ष का सबसे बड़ा दिन भी माना जाता है। 21 जून की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस दिन सूर्य जल्दी उदय होता है और देर से ढलता है। इन सब वजहों से 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए चुना गया।
कब और हुई शुरुआत?
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को मान्यता दी कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के बाद अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को सबसे पहली बार 21 जून 2005 को मनाया गया। इस हिसाब से इस साल यानी 2020 में दुनिया छठवां योग दिवस मनाने जा रही है।
क्या है थीम ?
आपको बता दें हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की एक अलग थीम दी जाती है। इस साल की थीम घर में रहते हुए अपने परिवार के साथ योग करना या योगा फॉर्म होम है। दरअसल, इस बार पूरी दुनिया कोरोना नामक वायरस की चपेट में है। ऐसे में दुनिया भर की तमाम सरकारों ने सोशल गैदरिंग पर रोक लगाई हुई है। यही वजह है कि इस साल की थी भी कोरोना संकट से ही ओत प्रोत है।
172 देशों में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
गौरतलब है कि पिछले साल यानी 2019 में दुनिया के 172 देशों में एक साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। अमरीका, जापान, जमर्नी के अलावा प्रमुख मुस्लिम देशों में भी योगा दिवस सेलिब्रेट किया गया। इसके साथ ही विदेशों में योग दिवस पर होने वाले सभी प्रमुख कार्यक्रम भारतीय दूतावासों में आयोजित किए गए। आइसीसीआर के महानिदेशक अखिलेश मिश्रा के अनुसार विदेशों में आयोजित होने वाले योग कार्यक्रमों के लिए भारत की ओर से विशेष मदद उपलब्ध कराई जाती है। इसमें आंशिक आर्थिक सहयोग के साथ-साथ तकनीकी मदद भी शामिल है।