आयुर्वेदिक पद्धति के मुताबिक इसके सेवन से वायुजनित रोग, पेट के रोग, जोडों के दर्द, अल्सर, अम्लपित्त आदि बीमारियां दूर हो जाती हैं। इसके अलावा रक्त शोधक, पाचन क्रिया के लिए काफी गुणकारी माना जाता है।
१ इसमें 18 धातु, 15 एमिनो एसिड और 12 विटामिन मौजूद होते हैं जो खून की कमी को दूर कर रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढाते हैं। २ ब्लड को प्यूरीफाई करता है साथ ही हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा करता है।शरीर में वहाईट ब्लड सेल्स की संख्या को बढाता है। ३ इसके कांटेदार पत्तियों को छीलकर रस निकाला जाता है। 3 से 4 चम्मच रस सुबह खाली पेट लेने से दिन-भर शरीर में चुस्ती व स्फूर्ति बनी रहती है
४ त्वचा की खराबी, मुहांसे, रूखी , धूप से झुलसी त्वचा, झुर्रियां, चेहरे के दाग धब्बों, आखों के काले घेरों को दूर किया जा सकता है। मच्छर काटने पर फैलने वाले इन्फेक्शन को कम किया जा सकता है
५ इसका जूस पीने से कब्ज की बीमारी से फायदा मिलता है।मेहंदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार व स्वस्थ्य होते हैं।
६ शरीर में शुगर का स्तर उचित रूप से बना रहता है।बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग व पेट के विकारों को दूर करता है।