मस्तिष्क पानी की आवश्यकता होने पर भेजता हैं ये संकेत

शरीर में पानी की कमी कई रोगों को जन्म देने का कारण बनती है. शरीर में पानी की कमी से आदमी को डिहाइड्रेशन,पाचन तंत्र, किडनी, लिवर आदि से जुड़ी परेशानियों के साथ मस्तिष्क पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.

शरीर में पानी की कमी होने से मस्तिष्क की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं व दिमाग अच्छा से कार्य नहीं कर पाता है. अब आप सोच रहे होंगे तो भला इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है. तो आपको बता दें, मस्तिष्क को जब पानी की आवश्यकता होती है, तो वो कई इशारा देता है. इन संकेतों के मिलते ही आदमी को बिना देर किए तुरंत एक गिलास पानी पी लेना चाहिए, ताकि उसका मस्तिष्क सामान्य ढंग से कार्य कर सके. तो देर किस बात की, आइए जानते हैं आखिर क्या हैं ये 5 संकेत.
-आंखों के आगे अंधेरा आना- कई बार आदमी को लगातार कई घंटों तक कार्य करने के बाद यह महसूस होने लगता है कि उसकी आंखों के सामने आकस्मित कुछ सेकेंड के लिए अधेरा सा आ गया है. यह वही समय होता है जब आपका दिमाग आपको एक गिलास पानी पीने का इशारा दे रहा होता है. इस इशारा के मिलते ही सब कार्य छोड़कर पहले एक गिलास पानी पी लें.
बातों को तुरंत भूल जाना- पानी की कमी ब्रेन फंक्शन को अच्छे से कार्य करने से रोकती है.जिसकी वजह से आदमी 5-10 मिनट बाद ही कोई कही बात भूल जाता है. हालांकि कई बार यह समस्या शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस की वजह से भी देखने को मिलती है.
सिरदर्द- अक्सर सिरदर्द का मूल कारण पानी की कमी होता है. मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी होने पर आदमी को सिरदर्द होने लगता है. अब जब कभी सिर में दर्द महसूस होने लगे तो एक गिलास हल्का ठंडा पानी पी लें.
नकारात्मक विचार- पानी की कमी से न्यूरोट्रांसमीटर्स व हार्मोन्स अच्छा से कार्य नहीं करते हैं, इसलिए अगर आपके मस्तिष्क को पानी की कमी हुई तो संभव है कि आप निगेटिव ढंग से सोचने लगेंगे. आगे से जब कभी कोई नकारात्मक विचार आपके दिमाग को घेरने लगे तो परेशान होने की स्थान एक गिलास पानी पी लें.
स्लो ब्रेन एक्टिविटी- कई बार ऐसा होता है कि बार-बार प्रयास करने के बावजूद किताब में लिखी हुई कोई वस्तु आप गलत ही पढ़ रहे होते हैं. ऐसा तब होता है जब आपके दिमाग को थोड़ा रेस्ट व एक गिलास पानी की आवश्यकता महसूस होती है.

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