सहरसा। कोसी की मिट्टी वीरों की धरती है। आजादी के आंदोलन में जहां बड़ी संख्या में इस क्षेत्र के लोगों ने अपनी शहादत दी, वहीं आजाद भारत की सीमा की रक्षा के लिए इस इलाके के बहादुर जवानों लगातार अपने प्राणों की आहुति दे रहे हैं। मंगलवार को भारत- चीन सीमा गलवान घाटी लद्दाख में चीनी सेना से बहादुरी पूर्वक लड़ते हुए जिले के आरण निवासी कुंदन कुमार ने वीरगति को प्राप्त कर कोसी की मिट्टी को एकबार फिर गौरान्वित किया है। इससे पूर्व एक जुलाई,1999 में बनगांव निवासी फूल झा के पुत्र रमण कुमार झा ने सियाचिन में आठ पाकिस्तानी जवानों को मारकर वीरगति को प्राप्त हुए। इसके अलावा गंगजला निवासी जीवकांत झा के पुत्र श्रीकृष्ण झा ने अपनी पत्नी व दो दुधमुंहे बच्चे के साथ अपनी शहादत दी। जिले के कई और जवानों ने सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। इनलोगों की शहादत के कारण सहरसा और कोसी की मिट्टी गौरान्वित हो रही है।
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Posted By: Jagran
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