हरियाणा : विहिप की शिकायत पर मुख्यमंत्री खट्टर पहुंचे मेवात

नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)। हरियाणा के मेवात में दलित उत्पीड़न और धर्म परिवर्तन की घटनाओं को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा लगातार शिकायत के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मंगलवार को मेवात पहुंचे। उन्होंने हालात की समीक्षा की और पीड़ित हिंदू परिवार व जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की। विहिप मुख्यमंत्री के दौरे के बावजूद सरकार द्वारा समय पर कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज है। सूत्रों के मुताबिक, विहिप की खट्टर सरकार से नाराजगी इस कदर है कि मुख्यमंत्री के मेवात दौरे के दौरान उनसे मिलने विहिप का कोई भी आला अधिकारी नहीं गया।

वीहिप के महासचिव सुरेंद्र जैन ने आईएएनएस से कहा, हम मुख्यमंत्री के मेवात दौरे का स्वागत करते हैं, लेकिन चाहते हैं कि हरियाणा सरकार मेवात में हुई घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कारवाई करे। यहां के हिंदुओं को राज्य की पुलिस पर भरोसा नहीं है, इसलिए मेवात में सीआरपीएफ या बीएसएफ की ट्रेंनिग सेंटर स्थापित किया जाए।
उन्होंने कहा, हम पिछले कई महीनों से सरकार के सामने अपनी आवाज उठाते रहे हैं, लेकिन खट्टर सरकार को उनकी ब्यूरोक्रेसी खबर ही नहीं देती है। आज जनता का दबाव काम आया है और मुख्यमंत्री खुद मौके का निरीक्षण करने आए, उम्मीद करता हूं कि समस्याओं का हल निकलेगा।
उधर, भाजपा के महासचिव और हरियाणा प्रभारी अनिल जैन ने कहा कि यह मुद्दा पृरी तरह से आंतरिक मामला है। सरकार की इस पर नजर है। मुख्यमंत्री खुद गए। ध्यान रखा जाएगा कि किसी तरह की तुष्टीकरण न हो, सबको न्याय मिलेगा।
वहीं, विहिप कैम्प में यह चर्चा आम है कि कम से कम खट्टर सरकार से तो इस मसले पर इतनी उदासीनता की अपेक्षा नहीं थी। विहिप नेताओं का मानना है कि मई में संगठन के प्रतिनिधिमंडल के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भेंट करने के बाद भी राज्य सरकार ने उच्चस्तरीय जांच की दिशा में न कदम उठाया और न ही आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई की। इससे ऐसा लगता है कि राज्य सरकार इस गंभीर मसले पर उदासीन है।
गौरतलब है कि नई दिल्ली से करीब सौ किलोमीटर दूर हरियाणा में मेवात जिला है। वर्ष 2005 में तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने गुरुग्राम और फरीदाबाद के कुछ हिस्सों को काटकर मेवात जिले का गठन किया था। लेकिन 2016 में खट्टर सरकार ने जिले का नाम बदलकर नूंह कर दिया था। हरियाणा के दक्षिणी हिस्से में स्थित यह जिला पिछले कुछ समय से सुर्खियों में है। विश्व हिंदू परिषद और संघ परिवार से जुड़े संगठन इस इलाके में बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन और दलित उत्पीड़न होने की बात करते रहे हैं। मेवात सदियों से मुस्लिम बहुल क्षेत्र रहा है। विहिप का दावा है कि मेवात के 500 गांवों में से 103 गांव हिंदू विहीन हो चुके हैं।
पिछले महीने विहिप ने मुख्यमंत्री खट्टर से मुलाकात कर एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें मेवात के कुल 500 गांवों में से 103 गांवों के हिंदू विहीन होने और 84 गांवों में चार से कम हिंदू परिवार होने की बात कही थी। विहिप नेताओं के मुताबिक, उस वक्त मुख्यमंत्री ने जांच कराने का आश्वसान दिया था, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया।
विहिप का आरोप है कि एक साजिश के तहत बहुसंख्यकों को अल्पसंख्यक बना दिया गया है। मेवात में देश विरोधी गतिविधियां चल रही हैं और रोहिंग्याओं का अड्डा बन चुका है।
सन् 1947 में देश विभाजन के बाद पलायन रोकने के लिए महात्मा गांधी और सीमांत गांधी कहलाने वाले अब्दुल गफ्फार खां मुस्लिम बहुल क्षेत्र मेवात आए थे। उन्होंने मुस्लिमों से कहा था कि वे अपने पुश्तैनी घर और पुरखों की कब्रें छोड़कर पाकिस्तान न जाएं, भारत की नई सरकार उन्हें खास सहूलियतें देगी। गांधी और सीमांत गांधी के आश्वासन पर मेवात से मुस्लिमों का पलायन रुका था। उस दौरान गांधी मेवात के घासेरा गांव में ठहरे थे, जिसका नाम बाद में गांधीग्राम रखा गया था। इस क्षेत्र में हिंदुओं के कम होने को विहिप बड़ा मुद्दा बनाने में जुटी हुई है।
-आईएएनएस

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