नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी के लक्षणों की सूची में सूंघने की क्षमता खो देना (एनोस्मिया) या स्वाद का पता न चल पाना (एग्यूसिया) को भी ऐड किया है। वर्तमान में किसी का कोरोना टेस्ट लेने के संदर्भ में 13 क्लीनिकल सिंपटम हैं, जोकि पिछले महीने ही संशोधित किए गए थे। इन लक्षणों में बुखार, खांसी, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, सांस फूलना, नौसिया, रक्तगुल्म (खून का ऊपर उठना), शरीर में दर्द, गले में खराश, सीने में दर्द और नाक से पानी निकलना है। इसमें से कोई एक लक्षण या उससे अधिक लक्षण वाले लोगों को कोरोना टेस्ट की अनुमति दी जाती है। अब स्वाद और सूंघने की क्षमता में कमी को भी सूची में जोड़ने के बाद अब टेस्ट लेने के संदर्भ में 15 क्लीनिकल सिंपटम हैं।
अमेरिका के राष्ट्रीय जन स्वास्थ्य संस्थान, रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र (सीडीसी) ने कोविड-19 के नये लक्षणों में 'सूंघने या स्वाद ले पाने की शक्ति खो जाने' को शामिल किया था। कोविड-19 के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की जारी संशोधित जांच रणनीति के मुताबिक, इंफ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लक्षणों के साथ अन्य राज्यों से लौटने वालों और प्रवासियों की ऐसे लक्षण नजर आने के बाद सात दिन के अंदर-अंदर जांच करानी होगी। आईसीएमआर ने कहा था कि अस्पताल में भर्ती मरीजों और कोविड-19 की रोकथाम के लिए अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों में आईएलआई जैसे लक्षण विकसित होने पर उनकी भी आरटी-पीसीआर जांच के जरिए कोविड-19 की जांच होगी। इसने कहा कि किसी भी संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले ऐसे लोग, जिनमें लक्षण नजर नहीं आते और उच्च जोखिम वाले लोगों के संपर्क में आने के बाद पांच से 10 दिन के भीतर एक बार जांच करानी ही होगी।