कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार का सबसे बड़ा केन्द्र बना ये...

कोरोना वायरस से संक्रमित ज्यादातर मरीजों में विटामिन थेरेपी अच्छा साबित हो रही है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती ज्यादातर मरीज सिर्फ विटामिन की गोलियों से ही स्वस्थ हो गए हैं. यहां करीब 85 प्रतिशत मरीज एसिम्टोमेटिक (बिना लक्षण वाले) व माइल्ड एसिम्टोमेटिक है.

पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार का सबसे बड़ा केन्द्र बीआरडी मेडिकल कॉलेज बना है. यहां 200 बेड का विशेष कोरोना वार्ड संचालित हो रहा है. इसमें 40 बेड का वेंटिलेटर यूनिट भी शामिल है. अब तक मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित 194 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं. कोरोना वार्ड के नोडल ऑफिसर व ईएनटी के विभागाध्यक्ष डाक्टर आरएन यादव ने बताया कि करीब 85 प्रतिशत मरीज एसिम्टोमेटिक (बिना लक्षण वाले) व माइल्ड एसिम्टोमेटिक है. माइल्ड एसिम्टोमेटिक में कोरोना के आंशिक लक्षण दिखते हैं. कुछ मरीजों को बुखार के लक्षण मिले. उन्होंने बताया कि बीआरडी में सभी संक्रमितों को विटामिन की खुराक जरूरी तौर पर दी जा रही है. इसमें विटामिन-सी सबसे जरूरी है. यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है. विटामिन ए, ई व डी की खुराक भी दी जा रही हैं. इस ट्रीटमेंट से अधिकतर मरीज स्वस्थ हो गए. मेडिकल कॉलेज से अब तक 120 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं.
डाक्टर गणेश कुमार, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कॉलेज कहते हैं कि विटामिन थेरेपी बेहद अच्छा है. कोरोना के उपचार का कोई सटीक फार्मेट नहीं है. हमारी प्रयास मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर वायरस को समाप्त करने की है. कुछ मरीजों को बुखार होने पर पैरासीटामॉल देनी पड़ी है. इसके अतिरिक्त अन्य दवाएं देने की आवश्यकता नहीं पड़ी.

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