कोविड-19 स्वस्थ लोगों में डायबिटीज की वजह भी बन सकता है व जो पहले से डायबिटीज से जूझ रहे हैं उनकी हालत व बिगाड़ सकता है. दुनियाभर के 17 अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम के पैनल ने दुनियाभर के कई मामलों पर रिसर्च के बादये बात कही है. अब तक हुए क्लीनिकल ट्रायल में कोविड-19 व डायबिटीज के बीच ये महत्वपूर्णकनेक्शन ढूंढ़ागया है.
शोधकर्ताओं का बोलना है कि हालिया शोध बताते हैं कि जब कोरोनावायरस शरीर में ACE-2 रिसेप्टर को जकड़कर संक्रमण फैलाता है तो सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं जकड़ता बल्कि, ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में शामिल ऊतकों व अंगों को भी प्रभावित करताहै. इसमें पेंक्रियाज, छोटी आंत, टिश्यु, लिवर व किडनी शामिल हैं.
डायबिटीजमरीजों को अलर्ट रहने की सलाह शोधकर्ताओं का बोलना है कि कोरोनावायरस अपना संक्रमण फैलाने के बाद शरीर के कार्य करने के ढंग में बाधा पैदा करता है. ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया में रुकावट डालता है व मरीज की हालत गम्भीर होने लगती है है, इसलिए जो डायबिटीज के मरीज हैं उन्हें अलर्ट रहने की आवश्यकता है.
पैनल में शामिल किंग्स कॉलेज लंदन में मेटाबॉलिक सर्जरी के प्रोफेसर फ्रेंसेस्को रूबिनो के मुताबिक, डायबिटीज सबसे गंभीर बीमारियों में से एक है. इस समय हम कोरोना महामारी व डायबिटीज के बीच कनेक्शन को समझ रहे हैं. संक्रमण के बाद कोरोना ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को कैसे बदलता है, यह अभीस्पष्ट नहीं हो पाया है.
क्या कहतीहै आईसीएमआर एडवायजरी
4 पॉइंट से समझिए कोविड-19 व डायबिटीज का कनेक्शन
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