सासाराम, रोहतास। वन विभाग ने जिले के तिलौथू प्रखंड स्थित मां तुतला भवानी धाम को ईको-टूरिज्म बनाने की दिशा में काम प्रारंभ कर दिया है। परिसर क्षेत्र में प्लास्टिक व थर्मोकोल से बने थैले ,प्लेट-ग्लास के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित दिया है। जिससे कि धाम की स्वच्छता बरकरार रह सके। रेंजर ने वन पाल के अलावा पूजा कमेटी को इस संबंध में निर्देश दिया है।जिस आलोक में विभागीय अधिकारियों ने पूजा कमेटी के सदस्यों की बैठक कर धाम को ईको- टूरिज्म बनाने की रणनीति पर विचार किया।
रेंजर सत्येंद्र शर्मा ने बताया कि धाम परिसर पर निरीक्षण के दौरान लोगों से धाम परिसर में फोम के बने दोने, पत्तल, ग्लास इत्यादि का प्रयोग नहीं करने का आग्रह किया गया है। साथ ही लोगों को पर्यावरण व जल प्रदूषण के रोकथाम में भी प्रशासन को मदद करने के लिए आग्रह किया गया है। नदी में गंदे कपड़े फेंकने तथा सेंच्यूरी क्षेत्र में धुआं व आग से परहेज करने को भी कहा गया है, जिससे पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। कहा कि शीघ्र ही तुतला भवानी धाम पर सभी गाड़यिों का प्रवेश भी निषेध किया जाएगा। इसके लिए पर्यटन स्थल से दो किलोमीटर की दूरी पर बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड, साइकिल व मोटरसाइकिल स्टैंड की व्यवस्था की जाएगी। बुजुर्ग के लिए बैटरी चलित रिक्शा चलाया जाएगा। तुतला नदी में कटीले व नुकीले पत्थर से पर्यटकों को चोटिल होने का डर बना रहता है। जलप्रपात के ठीक नीचे अवस्थित मां तुतलेश्वरी मंदिर में जाने के लिए ताराचंडी धाम व मां मुंडेश्वरी धाम की तर्ज पर नए तरीके से सीढ़ी व शेड का निर्माण किया जा रहा है। बैठक में वनपाल बाल्मीकि सिंह, तुतला भवानी विकास कमेटी के अध्यक्ष गुरुचरण यादव समेत अन्य उपस्थित थे।
Posted By: Jagran
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