वाशिंगटन . अध्ययन कता्र वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोविड-19 (Kovid-19) से पूरी तंत्रिका तंत्र को खतरा है. अमरीका के वैज्ञानिकों ने कहा कि इस जानकारी से सिरदर्द, मिर्गी और स्ट्रोक जैसे तंत्रिका तंत्र में विकार के लक्षणों का बेहतर प्रबंधन किया जा सकेगा. अमेरिका स्थित नार्थवेस्टर्न यूनवर्सिटी के प्रमुख अनुसंधानकर्ता इगोर कोरलनिक ने कहा, ''यह आम लोगों और चिकित्सकों के लिए जानना जरूरी है कि कोविड-19 (Kovid-19) के संक्रमण का संकेत बुखार, खांसी और सांस संबंधी परेशानियों के लक्षण आने से पहले तंत्रिका तंत्र में विकार के रूप में सामने आते हैं. ''विश्लेषण में वैज्ञानिकों ने कोविड-19 (Kovid-19) के मरीजों में तंत्रिका तंत्र की विभिन्न संभावित विकार, इन विकारों का कैसे इलाज किया जाए और संक्रमण की प्रक्रिया की जानकारी दी. कोरलनिक का विश्वास है कि इस समझ से कोविड-19 (Kovid-19) मरीजों का बेहतर इलाज संभव होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना (Corona virus) कई तरीके से तंत्रिका तंत्र में विकार उत्पन्न कर सकता है.
अध्ययन के मुताबिक बीमारी से दिमाग, मेरुदंड और मांसपेशियां सहित पूरी तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो सकती है. एक शोधपत्र के मुताबिक अस्पताल में भर्ती करीब 50 फीसद कोविड-19 (Kovid-19) मरीजों को सिरदर्द, चक्कर आना, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, चौकसी में कमी, सूंघने और स्वाद का अनुभव नहीं होना, स्ट्रोक, कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द जैसे तंत्रिका तंत्र में विकार के लक्षणों का सामना कर पड़ रहा है. अनुसंधानकर्ताओं ने रेखांकित किया कि संक्रमित के दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है या खून का थक्का जम सकता है. इससे अंतत: मस्तिष्काघात का खतरा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा वायरस दिमाग, मस्तिष्का आवरण को संक्रमित कर सकता है जैसे तंत्रिका तंत्र के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने वाले ऊत्तकों को, सेरोब्रोस्पाइनल फ्ल्यूड (सीएसएफ) को जो मस्तिष्क को किसी झटके से बचाता है. वैज्ञानिकों ने कहा कि वायरस प्रतिरोधक क्षमता से प्रतिक्रिया कर सकता है जिससे दिमाग में सूजन हो सकती और इससे दिमाग और नसों को नुकसान पहुंच सकता है.
हालांकि, कोविड-19 (Kovid-19) का तंत्रिका तंत्र पर पड़ने वाले असर की जानकारी सीमित है, इसलिए वैज्ञानिकों की योजना कुछ संक्रमितों की लंबे समय तक निगरानी करने की है ताकि यह पता लगाया जा सके कि तंत्रिका तंत्र पर पड़ने वाला असर स्थायी है या अस्थायी. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही संक्रमण की वजह से जान गंवा चुके मरीजों का पोस्टमॉर्टम कर तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों के ऊतकों पर पड़ने वाले असर की तुरंत अध्ययन करने की जरूरत है ताकि कोविड-19 (Kovid-19) से तंत्रिका तंत्र पर पड़ने वाले असर को समझा जा सके. उन्होंने कहा कि इस तरह के अध्ययन से कोविड-19 (Kovid-19) के तंत्रिका तंत्र संबंधी लक्षण का पता लगाने, प्रबंधन करने और इलाज करने के लिए आधार मुहैया कराएगा. वैज्ञानिकों ने कहा कि वायरस की वजह से दिमाग में सूजन और सीएसएफ में भी प्रतिरोधी कोशिकाओं की प्रतिक्रिया को सतर्कता से अध्ययन करने की जरूरत है.