ब्लड शुगर की समस्या केवल डायबिटीज के रोगियों को ही हो ये आवश्यक नहीं है. स्वस्थ आदमी भी इसका शिकार होने कि सम्भावना है. ब्लड शुगर यानी ग्लूकोज मुख्यत: शरीर को ऊर्जा देने
का काम करता है. ऐसे में जब शरीर में इसका स्तर कम हो जाता है तो उस स्थिति को हाइपोग्लाइसेमिया बोला जाता है. सामान्य तौर पर शरीर में ग्लूकोज का स्तर 80-110 मिली/डीएल के बीच होता है व 90 मिली/डीएल को औसत ब्लड शुगर लेवल माना जाता है. आइए जानते हैं बीमारी की पहचान व बचाव के तरीके-
ये हैं ब्लड शुगर के लक्षण : ब्लड शुगर से पीडि़त मरीजों को ज्यादा भूख लगने की शिकायत होती है. अगर खाना खाने के बावजूद भी आपको पेट खाली लगे या फिर जल्दी ही दोबारा भूख लग जाए तो ये शरीर में ग्लूकोज की कमी की ओर इशारा करता है. इसके अलावा, रात में नींद कम आना, बेचैनी होना व पसीना आना भी ब्लड शुगर लो होने के लक्षण हैं. इसके अलावा, शरीर में जब ग्लूकोज लेवल कम हो जाता है तो चक्कर आना और आंखों के सामने अंधेरा छा जाने जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं. इसके अलावा, चिड़चिड़ापन, पसीना आना, हाथ-पैर कांपना भी इस बीमारी के लक्षण हैं.
क्या होता है खतरा : हाइपोग्लाइसेमिया बीमारी कई बार गंभीर रूप भी ले सकती है. इस बीमारी के कारण मरीजों को किडनी संबंधी परेशानी, हेपेटाइटिस, लिवर रोग, मेंटर इम्बैलेंस जैसी कठिनाई हो सकती हैं. वहीं, मरीजों को हाइपोग्लाइसीमिया अटैक भी आ सकता है.
चीनी खाएं या नहीं : अमेरिकन डायबीटीज एसोसिएशन के अनुसार सामान्य तौर पर स्वस्थ आदमी को एक दिन में 9 चम्मच से ज्यादा चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए. वहीं, स्वास्थ्य वर्धक स्त्रियों को 6 चम्मच से अधिक शुगर नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा, ज्यादा देर भूखे रहने के कारण भी ब्लड शुगर लो होने कि सम्भावना है.
क्या बरतें सावधानी: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इस बीमारी के मरीजों को थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर कुछ खा लेना चाहिए. वहीं, अगर ब्लड सुगर का स्तर इन मरीजों में बार-बार कम हो रहा हो तो अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन को शामिल करना चाहिए. अगर बेहोशी की कठिनाई है तो तत्काल इलाज के लिए चॉकलेट या फ्रूट जूस का सेवन भी लाभकारी होता है.