जानिए राजस्थान के राजपूत राजा और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के इस घटना के बारे में

पृथ्वीराज चौहान चौहान वंश के हिंदू क्षत्रिय राजा थे, जो उत्तर भारत में 12 वीं सदी के उत्तरार्ध में अजमेर (अजयमेरु ) और दिल्ली पर राज्य करते थे। वे भारतेश्वर, पृथ्वीराजतृतीय, हिन्दूसम्राट्, सपादलक्षेश्वर, राय पिथौरा इत्यादि नाम से प्रसिद्ध हैं। भारत के अन्तिम हिन्दूराजा के रूप में प्रसिद्ध पृथ्वीराज 1235 विक्रम संवत्सर में पंद्रह वर्ष (15) की आयु में राज्य सिंहासन पर आरूढ़ हुए। पृथ्वीराज की तेरह रानियाँ थी। भारत के सबसे बड़े सूफी संत और अल्लाह के वली ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के बारे में हैं। दोस्तों आप हिन्दू हो या मुस्लिम लेकिन आप सभी ने ख्वाजा गरीब नवाज के बारे में तो जानते ही होंगे जिनकी मजार शरीफ राजस्थान के अजमेर में मौजूद हैं। ख्वाजा गरीब नवाज और पृथ्वीराज चौहान का किस्सा :- दोस्तों जब ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अल्लाह के फरमान के मुताबिक जब अपने कुछ साथियों के साथ अजमेर की सरजमीं पर आए तब ख्वाजा साहब ने दुर एक पेड़ की छाया में आराम करने का फैसला किया लेकिन कुछ ही समय मे राजस्थान के राजा पृथ्वीराज चौहान के कुछ सैनिक अपने ऊंट लेकर वहां पहुचे और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती और उनके साथी से उस पेड़ के नीचे से हट जाने को बोला और कहा कि यह हमारे ऊँटो के बैठने की जगह है और यह बात सुनकर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ने फरमाया की: 'अच्छा यहां पर ऊंट बैठते है' यह बात कहकर ख्वाजा साहब और उनके साथी वहां से चले गए। दोस्तों वहां से रवाना होकर गरीब नवाज ने अजमेर में मौजूद अना सागर के किनारे बैठने का फैसला किया। दोस्तों हैरान करने वाली बात तब हुई जब पृथ्वीराज चौहान के सैनिकों ने जहां से ख्वाजा गरीब नवाज और उनके साथियों को जिस पेड़ के नीचे से उठ जाने को बोला था वहां बैठे ऊंट कुछ घण्टे गुजरने के बाद जब सैनिकों ने वापस जाने का फैसला किया तो उस जगह से ऊंट उठने का नाम नही ले रहे थे, फिर सब सैनिकों ने उन ऊँटो पर लाठियां बरसाई लेकिन ऊंट फिर भी नही उठ रहे थे, और आखिर में हैरान हुए सैनिकों ने यह बात पृथ्वीराज चौहान से करने का सोचा और सब सैनिक राजा के दरबार मे बात करने पहुच गए । दोस्तों सब परेशान हुए सैनिक ने पृथ्वीराज चौहान से सब बात बताई और यह बात सुनकर पृथ्वीराज चौहान को भी हैरत हुई। दोस्तों पृथ्वीराज चौहान अपने सैनिको को हुक्म दिया कि वह जल्दी जाकर वह फकीर यानी ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती से फौरन माफी माँगे ले, और फिर सब सिपाही उस फकीर यानी ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को ढूंढने लगे और कुछ घण्टो बाद ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती और उनके साथियों को एक जगह बैठे नजर आए और सब सिपाही ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को सब बात बताई और उनसे माफी भी मांगी फिर गरीब नवाज ने फरमाया की अब सारे ऊंट उठ गए होंगे, फिर सब सिपाही उस पेड़ के पास जाते है तो क्या देखते हैं कि सब ऊंट खड़े हुए थे।

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