शनि दोष से होना है मुक्त तो करे इन मंत्रों का उच्चारण

नई दिल्ली । कहते हैं शनिदेव को न्याय के देवता कहा जाता है। जातक के अच्छे और बुरे कर्मों का फ़ल शनिदेव ही देते हैं। जिस भी व्यक्ति पर शनिदेव की टेड़ी नजर पड़ पड़ जाते है, वह थोड़े ही समय में राजा से रंक बन जाता है और अगर किसी से शनिदेव प्रसन्न हो जाएं तो वह व्यक्ति मालामाल भी हो जाता है।


शनिदेव पूजा विधि:-
शनिदेव की पूजा-उपासना करने से पहले भगवान शिव अथवा श्रीकृष्ण की पूजा जरूर करनी चाहिए क्योंकि शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त हैं। तत्पश्चात काले वस्त्र धारण करके पश्चिम मुखी होकर काले आसन पर बैठकर अपने सामने चोकी रखकर उस पर काला कपड़ा बिछाकर श्री शनिदेव की प्रतिमा या तस्वीर या फिर एक सुपारी रखकर पंचगव्य, पंचामृत, इत्र आदि से स्नान करवायें। उसके बाद फिर दोनों तरह शुद्ध घी व सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाकर धूप जलाएं। इसके बाद अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम व काजल लगाकर नीले या काले फूल अर्पित करें। तत्पश्चात इमरती व तेल में तली वस्तुओं का नैवेद्य अपर्ण करें । इसके बाद श्री फल सहित अन्य फल भी अर्पित करें ।

इन मंत्रो से मिलेगी शनि दोष से मुक्ति-
- "ॐ शं शनैश्चराय नमः"
-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
-ॐ कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात।
-ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
-ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि | तन्नो मन्दः प्रचोदयात ||
-ॐ शनैश्चराय विदमहे छायापुत्राय धीमहि | तन्नो मंद: प्रचोदयात ||
-कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
-ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।

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