कोविड-19 से स्वस्थ हुए कई लोग कोरोना वायरस के अन्य रोगियों को अच्छा करने में मदद के लिए अपने रक्त प्लाज्मा को दान करने की पेशकश कर रहे हैं । हालांकि इस बारे में अभी प्रामाणिक परिणाम भी नहीं आए हैं.
वैज्ञानिक अब इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि क्या प्लाज्मा दान से किसी आदमी में पहले ही संक्रमण की रोकथाम हो सकती है?दुनियाभर के अस्पतालों में हजारों कोरोना वायरस रोगियों का उपचार स्वस्थ मरीजों के प्लाज्मा से करने का दावा किया गया है जिनमें अमेरिका में 20 हजार से अधिक लोग शामिल हैं. हालांकि इस बारे में अभी बेहद प्रमाण नहीं मिले हैं. चाइना में हाल ही में हुए एक अध्ययन में इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिली वहीं न्यूयॉर्क में हुए एक अन्य अध्ययन में फायदा का इशारा मिला. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के डॉ शमुअल शोहम ने कहा, ''हमें उम्मीद की किरण मिली है. प्लाज्मा इलाज को लेकर कई तरह के अध्ययन चल रहे हैं, इस बीच शोहम ने एक राष्ट्रीय स्तर का अध्ययन प्रारम्भ किया है जिसमें पता लगाया जा रहा है कि क्या अत्यधिक जोखिम में रहने के तत्काल बाद स्वस्थ हुए लोगों के प्लाज्मा से सामने वाले आदमी में पहले ही बीमारी की संभावना की रोकथाम हो सकती है.हॉपकिन्स एवं 15 अन्य संस्थानों के अनुसंधानकर्ता स्वास्थ्य कर्मियों, बीमार लोगों के जीवनसाथियों व नर्सिंग होम के लोगों को अध्ययन में शामिल करेंगे.bइस अध्ययन में 150 कार्यकर्ताओं को बिना किसी क्रम के कोविड-19 से स्वस्थ हुए लोगों का प्लाज्मा व सामान्य लोगों का प्लाज्मा लेने के लिए शामिल किया जाएगा. इसके बाद वैज्ञानिक इस पहल का अध्ययन करेंगे कि प्लाज्मा देने के बाद क्या आदमी में पहले ही संक्रमण की संभावना खत्म हो सकती है.