लखनऊ। कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों का सबसे ज्यादा ध्यान हमारे इम्यून सिस्टम यानी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर गया है। हमारी स्ट्रॉंग इम्यूनिटी ही हमें बीमारियों से बचाती है। यह बैक्टीरिया, वायरस, फंगस जैसे टॉक्सिन्स से लड़ती है और हमारे शरीर को बीमार होने से भी बचाती है। मजबूत इम्यूनिटी से ही फेफड़े, किडनी और लीवर के संक्रमण, हेपेटाइटिस और अन्य गंभीर बीमारियों से भी बचाव होता है।
जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, वे जरा सी एलर्जी भी बर्दाश्त नहीं कर पाते और ऐसी स्थितियों में बीमार पड़ जाते हैं। यूं तो अक्सर ब्लड रिपोर्ट से पता किया जाता है कि व्यक्ति की इम्यूनिटी कैसी है कैसी है, लेकिन इम्यून सिस्टम के कमजोर पड़ने पर हमारा शरीर भी कई तरह के संकेत देने लगता है।
क्या आप अक्सर बीमार रहते हैं, या दूसरों की अपेक्षा जल्दी बीमार होते हैं? अगर ऐसा है तो आपकी इम्यूनिटी कमजोर है। इसके कई अन्य संकेत भी दिखते हैं, जैसे-
अक्सर सर्दी-जुकाम की शिकायत अक्सर खांसी या गला खराब होना लगातार थकान, आलस होना लंबे समय तक किसी घाव का न भरना आदि इम्यून सिस्टम की वजह से स्किन रैशेज यानी शरीर पर चकत्ते आने जैसी समस्या भी हो सकती है। बार-बार मसूड़ों में सूजन, मुंह में छाले, यूटीआई, डायरिया वगैरह भी कमजोर इम्यूनिटी के लक्षण हैं। नींद न आना, डिप्रेशन और डार्क सर्कल भी कमजोर प्रतिरोधक क्षमता की निशानी है। लंबे समय तक बुखार न आना भी कमजोर इम्यूनिटी का संकेत हो सकता है। बुखार में ज्यादातर लोग दवा खा लेते हैं, जिससे कि बुखार हमारे शरीर में पॉजिटिव तरीके से काम नहीं कर पाता। अगर संक्रमण के बाद भी कई साल से आपको बुखार न आया हो तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी का लक्षण हो सकता है। विटामिन डी हमारी इम्यूनिटी को मजबूत करता है, लेकिन ज्यादातर लोगों में इसकी कमी होती है। इसका सबसे आसान स्रोत सूरज की रोशनी है, जिससे हम वंचित रहते हैं। पहले जाड़े के मौसम में लोग जिस तरह धूप सेंकते थे, अब नहीं हो पाता। इसलिए विटामिन की गोली की जरूरत पड़ती है।