विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाने वाले अशोक गहलोत विधायक के तौर पर खुद 35 करोड़ में बिक सकते हैं क्या: डॉ पूनियां

जयपुर।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा भारतीय जनता पार्टी पर विधायकों को 35 करोड रुपए में खरीदे जाने का ऑफर दिए जाने पर पलटवार करते हुए भाजपा के अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने कहा कि क्या विधायक होने के नाते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 35 करोड रुपए में बिकने को तैयार हैं।
डॉ पूनिया ने भारतीय जनता पार्टी में लॉकडाउन के बाद पहली बार प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करके पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की तरफ से किसी भी विधायक को किसी भी तरह का कोई ऑफर नहीं दिया गया है और यदि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह आरोप लगाते हैं तो हम उनको चुनौती देते हैं कि आरोप साबित करें, अथवा सार्वजनिक रूप से माफी मांगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले ही अंतरकलह है जो सरकार बनने के बाद बीते डेढ़ साल के दौरान सतह पर आ चुके हैं।
आज की तारीख में भी पार्टी दो दलों में बैठी हुई है और जिस अध्यक्ष सचिन पायलट के चेहरे के दम पर पार्टी ने चुनाव लड़ा और 99 सीटों पर जीत हासिल की, उनको उपमुख्यमंत्री बनाकर कोने में धकेलने का काम खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है।
इसके साथ ही भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि आलाकमान के साथ अशोक गहलोत के घनिष्ठ संबंध होने के कारण मुख्यमंत्री का चेहरा बनकर सामने आए सचिन पायलट को दरकिनार करते हुए खुद मुख्यमंत्री बनने में कामयाबी हासिल की, यही कारण है कि पार्टी के अंदर सरकार के गठन से लेकर आज तक अंतरकलह बरकरार है।
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से राज्यसभा की 3 सीटों के लिए 19 जून को होने वाले चुनाव के लिए संख्याबल कम होने के बाद भी दो उम्मीदवार उतारे जाने को लेकर डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि इतिहास में हमेशा होता आया है कि एक सीट पर 2 उम्मीदवार, 2 सीट पर 3 उम्मीदवार और 4 सीट पर 5 उम्मीदवार उतरते रहे हैं, यह पहली बार नहीं हो रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस की इतिहास की तरफ भी इंगित करते हुए कहा कि जो पार्टी आज लोकतंत्र की हत्या के आरोप भाजपा पर लगा रही है, उस पार्टी के द्वारा सत्ता में रहते हुए 93 बार संविधान का उल्लंघन करते हुए राज्यों की सरकारों को बर्खास्त करने का काम किया है।
डॉ पूनिया ने यह भी कहा कि यदि आज की तारीख में केंद्र में कांग्रेस की सरकार होती और राज्य में भाजपा की सरकार के द्वारा इस तरह से विधायकों को होटल में बंद करने का कार्य किया गया होता तो केंद्र के द्वारा कभी का सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया होता।
नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करने वाले लोगों पर राज्य के कांग्रेस सरकार के द्वारा मुकदमा दर्ज किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार डेढ़ साल के दौरान पूरी तरह विफल रही है और अपनी असफलताओं का ठीकरा भारतीय जनता पार्टी पर फोड़ने का काम करती है, गहलोत सरकार जनता का ध्यान भटकाने का काम करती है।
डॉ पूनिया ने कहा कि अशोक गहलोत के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के ऊपर राज्यसभा के चुनाव 2 महीने आगे खिसकाने का आरोप लगाया गया है, लेकिन शायद अशोक गहलोत को यह पता नहीं है कि निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र संस्था है जो अपने हिसाब से फैसले लेती है।
इसके साथ ही भाजपा अध्यक्ष ने राज्य की गहलोत सरकार को डेढ़ साल के दौरान पूरी तरह नाकाम करार देते हुए कहा कि गहलोत सरकार अपराध के मामले में पूरी तरह से एक्सपोज हो चुकी है और अपनी नाकामियों को ढकने के लिए भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाकर इस तरह से झूठी नौटंकी करने का प्रयास कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी के द्वारा कांग्रेस विधायकों को 35 करोड़ रुपये का ऑफर दिए जाने के सवाल पर डॉ सतीश पूनिया ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के किसी भी विधायक को ऑफर नहीं दिया है और जो कोई भी अंतरात्मा की आवाज पर भाजपा के साथ जुड़ना चाहता है, उसका हमेशा स्वागत है।

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