अब जिले में विद्या-वाहिनी एप बच्चों को उपलब्ध करवा रही पाठ्य-पुस्तकें

-कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन ने बच्चों की शिक्षा को कर दिया है ऑनलाइन

जागरण संवाददाता, सुपौल: कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन ने बच्चों की शिक्षा को ऑनलाइन कर दिया है। इसके तहत निजी विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए हैं। सरकारी व्यवस्था भी इस मामले में पीछे नहीं है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई एक तरफ टेलीविजन के माध्यम से हो रही है तो वहीं उनके लिए मोबाइल एप भी लाउंच किया गया है। जिससे बच्चे अपना सिलेबस पूरा कर सकें। व्यवस्था के तहत सरकार ने विद्यावाहिनी एप उन बच्चों के लिए विकसित किया है जिसने लॉकडाउन के कारण अभी तक पाठ्य-पुस्तक नहीं खरीद पाए हैं। विद्यावाहिनी एप कक्षा एक से 12 तक के सभी पाठ्य-पुस्तकों का चैप्टर वाइज संकलन अपलोड किया है। इसके जरिए विद्यार्थियों को विषय व तरीके से पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध कराई गई है। खास बात यह है कि इसमें नोट की सुविधा दी गई है। सरकार की तरफ से दी गई यह सुविधा पूर्ण रूप से निश्शुल्क है तथा इसे मोबाइल पर भी इंस्टॉल किया जा सकता है। इसको लेकर जानकारी देते हुए सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ रजनीकांत प्रवीण ने बताया कि यह एप उन बच्चों के लिए कारगर है जिन्हें लॉकडाउन के कारण पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध नहीं हो पाई है। इस एप में कक्षा एक से बारहवीं तक के पुस्तकों का चैप्टर वाइज सामग्री अपलोड किया गया है।
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------------------------------------- शिक्षकों के लिए भी कारगर है यह एप सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ की माने तो यह एप बच्चों के लिए ही नहीं शिक्षकों के लिए भी कारगर है। इसके माध्यम से शिक्षक भी पाठ्यक्रम का अवलोकन कर सकते हैं। यही नहीं शिक्षक इसके माध्यम से बच्चों के लिए नोट्स भी तैयार कर सकते हैं। इससे पहले इस तरह का एप सिर्फ एनसीईआरटी ही बनाता था। यह पहला मौका है जब सरकार बीटीसी पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए इस तरह का एप तैयार कर बच्चों की पढ़ाई में मदद पहुंचाई है।
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चालू सत्र में बच्चों को नहीं मिल पाई है किताब की राशि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों को निश्शुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराई जाती है इसके तहत गत वर्ष से पुस्तक की राशि बच्चों के खाते में दी जाती है। जिससे बच्चे किताब खरीद पाते हैं, परंतु कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन होने तथा विद्यालयों को बंद रखने के कारण यह राशि बच्चों को अभी तक नहीं मिल पाई है। इधर लॉकडाउन के कारण किताब की दुकानें भी बंद रहती थी जिसके कारण बच्चे किताब नहीं खरीद पाते थे। अब जबकि विद्यावाहिनी एप ने पाठ्य- पुस्तक को अपलोड किया है तो ऐसे में इन बच्चों के लिए सरकार की यह व्यवस्था मील का पत्थर साबित होगी।
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Posted By: Jagran
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