नई दिल्ली, 8 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के एक ट्वीट और फोन कॉल ने मरीज की जान बचा ली। सोशल मीडिया पर रविवार की देर रात उनकी सक्रियता, बुजुर्ग मरीज के लिए वरदान साबित हुई। जिस अस्पताल ने भर्ती करने से इनकार कर दिया था, उसने केंद्रीय राज्य मंत्री तक मामला पहुंच जाने के बाद उपचार करना शुरू कर दिया। मरीज की हालत अब खतरे से बाहर है। संकट की घड़ी में सहायता के लिए परिवार ने मोदी सरकार के युवा मंत्री अनुराग ठाकुर का आभार जताया है।दरअसल, दिल्ली के 65 वर्षीय ललिल गुप्ता डायबिटीज के मरीज हैं। उन्हें रविवार की देर रात तेज बुखार और सांस लेने में समस्या होने लगी। परिवार के लोग रोहिणी सेक्टर 22 स्थित महाराजा अग्रसेन हास्पिटल लेकर भागे। गंभीर हालत देख अस्पताल ने उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया। इसकी खबर आईपीएस अफसर संदीप मित्तल को हुई तो उन्होंने रात करीब साढ़े 12 बजे ट्वीट करते हुए अस्पताल के इस रवैये की शिकायत की।
रात करीब दो बजे इस ट्वीट पर केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की नजर पड़ी तो उन्होंने तुरंत रिट्वीट करते हुए मरीज या परिवार के किसी सदस्य का मोबाइल नंबर मांगा। आईपीएस अफसर ने मोबाइल नंबर दिया तो फिर अनुराग ठाकुर ने पहले परिवार से बात करते हुए पूरी मदद का आश्वासन दिया और फिर अस्पताल प्रशासन को भर्ती करने का निर्देश दिया। तब जाकर ललित गुप्ता को महाराजा अग्रेसन अस्पताल में भर्ती कराया जा सका। अस्पताल ने शुरू में सोमवार की दोपहर 12 बजे तक ही बेड देने की बात कही, मगर फिर अनुराग ठाकुर के यहां से निर्देश जाने के बाद पूरे समय के लिए भर्ती किया। अब मरीज का अस्पताल में उपचार चल रहा है।
बाद में आईपीएस अफसर संदीप मित्तल ने ट्वीट कर बताया कि केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर तक मामला पहुंचने के बाद मरीज की मदद हो सकी। मित्तल ने यह भी कहा कि उनकी मरीज के परिवार से कोई जान-पहचान नही रही, लेकिन किसी से खबर हुई तो उन्होंने ट्वीट कर मदद मांगी थी। 65 वर्षीय ललित गुप्ता की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है और उनके परिवार ने अनुराग ठाकुर के त्वरित रेस्पांस के लिए आभार जताया।
-आईएएनएस