कोविड-19 के प्रकोप से उपजी परिस्थितियों का प्रभाव शैक्षणिक गतिविधियों पर भी पड़ा है। विद्यार्थियों की शैक्षणिक हानि को देखते हुए ई-लर्निंग आज की बड़ी जरूरत महसूस हो रही है। स्थानीय बेनी सिंह कॉलेज हाट्टा में रविवार की शाम भारतीय शिक्षा प्रणाली पर वैश्विक महामारी चुनौतियां, योजना एवं रणनीति विषय पर आयोजित वेबिनार में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के कुलपति डॉ. देवी प्रसाद तिवारी ने यह बातें कही। कहा कि ई-सामग्रियों को अपलोड कर इस नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। काशी हिदू विश्वविद्यालय वाराणसी के प्रो. विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि कोविड-19 के इस परिवेश को देखते हुए शिक्षक एवं बच्चों को ऑनलाइन पठन-पाठन पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। प्रो. एके जोशी ने कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों से अपील की कि बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें। मुख्य वक्ता यूजीसी एचआरडी सेंटर जीजे यूनिवर्सिटी हरियाणा की डॉ. वंदना पुनिया ने कहा कि जीवन के अनेक क्षेत्रों के साथ-साथ मनुष्य ने तकनीक का भी खूब विकास किया और हमें इस विकसित तकनीक के माध्यम से शिक्षा में परिवर्तन लाना चाहिए।
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इसके अलावा श्री शंकर कॉलेज सासाराम के प्रो. प्रमोद कुमार सिंह समेत अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इससे पहले वेबिनार के आयोजक सचिव डॉ. रामप्रवेश तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डॉ. सोमेश शशि व संचालन अनुषा मिश्रा ने किया। मौके पर प्राचार्य प्रो. विध्याचल सिंह, तकनीकी परामर्शदाता अश्विनी कुमार झा समेत अन्य मौजूद थे।
Posted By: Jagran
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