देवरिया, उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह ने कहा कि सरकारी अस्पतालों को साफ तौर पर निर्देश दिया गया है कि अस्पतालों से मरीज बिना इलाज के नहीं जाने पाये।
श्री सिंह ने देवरिया में स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने के बाद संवाददाताओं से कहा कि महीनों से पूरा उत्तर प्रदेश कोरोना से जूझ रहा है । अब कोरोना कुछ नियंत्रण में दिख रहा है, तो सरकार आपातकाल सेवा बहाल करने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी से बात कर रही है । राज्य के कुछ जिलों में कोरोना जांच के लिए आधुनिक मशीनें भी लगा दी हैं और उस मशीन से जांच तत्काल हो जाती है। किसी भी मरीज को चाहे वह किसी भी बीमारी से पीड़ित हो उसे सरकारी अस्पतालों में अच्छा उपचार देने के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है।
नोएडा में कल रात एक गर्भवती महिला की इलाज के अभाव में हुई मौत के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसी मुद्दे पर रविवार की रात प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग की गयी जिसमें कहा गया कि सरकारी अस्पताल से कोई भी मरीज बिना इलाज के वापस न हो।
नोएडा वाले मामले की जांच के लिये वहां के जिलाधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है ।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी एकाएक आने से पूर्व इसकी जांच की व्यवस्था नाम मात्र की थी। आठ मार्च को प्रदेश में पहला कोरोना पाजिटिव मरीज मिलने के बाद लैब बढ़ाने की लिए सरकार लग गई।आठ मार्च तक किंग जार्ज मेडिकल कालेज लखनऊ में 200 से 400 लोगों के शरीर के नमूनों की जांच एक लैब करता था।अब 29 से ज्यादा लैब कार्य कर रहे हैं।