रोहिणी नक्षत्र की शुरूआत में कुछ किसानों ने धान का बिचड़ा खेत में डाल दिया था। वो बीज करीब दो पत्ते का हो चुका है। लेकिन उन बीजों को अब किटों से खतरा हो गया है। दरअसल टिड्डी की तरह ही किट व फतींगे खेतों में आ गए हैं। जो धान के बिचड़ा के पत्ते को खा जा रहे है। इससे किसानों पर बड़ा संकट आ गया है। इसके अलावा सब्जियों के खेतों में भी किट दिन भर बैठे रहते है। कुछ किसानों के बिचड़ा को किट खा भी गए हैं। ऐसे में किसानों के मन में यह आशंका है कि कहीं धान का बिचड़ा खत्म न हो जाए। ऐसे में धान की रोपनी व धान की खेती दोनों प्रभावित हो सकती है। हालांकि अभी कृषि विभाग कह रहा है कि कैमूर जिले में टिड्डी का प्रकोप नहीं है। किसी दूसरे किट का प्रभाव होगा। वहीं किसान अपने खेतों में दुकानों से दवा लेकर छिड़काव कर रहे है। जिससे कि धान का बिचड़ा सुरक्षित रहे।
आरएसएस ने रामगढ़ बाजार में गरीबों को दिया अंगवस्त्र यह भी पढ़ें
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस