कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। संक्रमितों की संख्या 257,486 और मरने वालों की संख्या 7,207 हो गई है। इस वायरस से निपटने के लिए शरीर को अंदर से मजबूत बनाना बहुत जरूरी है। यही वजह है कि एक्सपर्ट्स हेल्दी चीजों के सेवन की सलाह दे रहे हैं। हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें फिलहाल आपको खाने से बचना चाहिए।
इन चीजों के अधिक सेवन से आपको कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसका कारण यह है कि इन चीजों में पोषक तत्वों की बहुत ज्यादा कमी होती है और नुकसान ज्यादा होते हैं। मजे की बात यह है कि इन्हीं चीजों का सेवन अधिक किया जाता है। इसलिए अगर आपको शरीर को ताकतवर बनाना है तो इन चीजों को अपने किचन से बाहर निकाल दें।
ऐसा माना जाता है कि अधिकांश सफेद खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं क्योंकि इन चीजों को बड़े लेवल पर प्रोसेस्ड किया जाता है और इनमें कार्ब्स की मात्रा अधिक होती है। इतना ही नहीं, इन चीजों सामान्य चीजों की तुलना में कम पोषक तत्व होते हैं। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इन चीजों को डाइट से हटाकर आपको वजन घटाने और ब्लड शुगर को मेंटेन रखने में मदद मिल सकती है।
मैदा
इन दिनों आपको गलती से भी वाइट ब्रेड का सेवन नहीं करना चाहिए। इनमें पेस्ट्री और सेरेल्स भी शामिल हैं। यह सभी चीजें मैदा से बनी होती हैं। जब रोटी के आटे को प्रोसेस्ड किया जाता है, तो अनाज के रोगाणु और चोकर को हटा दिया जाता है। इससे इसमें मौजूद फाइबर, विटामिन और मिनरल्स भी हट जाते हैं।
इससे ऐसे उत्पाद कार्ब्स से भरपूर होते हैं लेकिन फाइबर और प्रोटीन जैसे अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी होती है। अधिक मात्रा में मैदा खाने से डायबिटीज, मोटापा, फूड एलर्जी, पेट की समस्याएं, हड्डियों का कमजोर होना आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
सफेद चावल
सफेद ब्रेड और पास्ता की तरह, सफेद चावल भी परिष्कृत अनाज की श्रेणी में आते हैं। सफेद चावल पूरे अनाज के रूप में उगता है लेकिन प्रोसेसिंग के दौरान इसमें से चोकर हटा दिया जाता है। इससे इसमें स्टार्च की मात्रा बढ़ जाती है। सफेद चावल खराब या अस्वास्थ्यकर भोजन नहीं है, लेकिन इसमें कैलोरी और कार्ब्स के अलावा अन्य पोषक शामिल नहीं हैं। फाइबर और प्रोटीन की कमी के कारण सफेद चावल का सेवन हानिकारक हो सकता है।
पोषक तत्वों के बिना अगर इन्हें डाइट में शामिल किया जाए, तो इससे बेरीबेरी नामक रोग होने की संभावना बनी रहती है। यह थियामिन की कमी के कारण होता है। यही नहीं कई बार सफेद चावल व्यक्ति के शरीर को भी कई तरीके से नुकसान पहुंचाते हैं, साथ ही मैटाबॉलिक परेशानी- डायबीटिज़, मोटापा और कई बीमारियों को बढ़ावा देते हैं।
सफेद चीनी
अधिकतर लोग सफेद चीनी का इस्तेमाल करते हैं जोकि स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है। इसके बजाय आप ब्राउन शुगर, शहद, टर्बिनाडो चीनी, मेपल सिरप आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। सफ़ेद चीनी में कैलोरी के अलावा ज्यादा होती है और अन्य पोषक तत्व कम होते हैं। इसमें कार्ब्स ज्यादा होता है। इसके नियमित सेवन से शर्करा को बहुत कम पाचन की आवश्यकता होती है।
चीनी जल्दी से रक्तप्रवाह में अवशोषित हो जाती है और इससे रक्त शर्करा के उतार-चढ़ाव गड़बड़ पैदा हो सकती है। इसके अलावा चीनी के अधिक सेवन करने से आपको लिवर से जुड़ी बीमारियां, इंसुलिन कम बनना, डोपामाइन का बढ़ना, यूरिक एसिड बढ़ना और कैंसर आदि का खतरा हो सकता है।
सफेद नमक
अधिकतर लोग सफेद नमक का ही इस्तेमाल करते हैं। आपको बता दें की नमक अन्य रंगों में भी आता है, जैसे कि गुलाबी, नीला और काला। कुछ नमक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। अत्यधिक नमक का सेवन विभिन्न प्रकार के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों से जुड़ा होता है, जिसमें हृदय रोग, स्ट्रोक, मोटापा और गुर्दे की बीमारी आदि शामिल हैं।
नमक का ज्यादा सेवन दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ा देता है।विशेषज्ञों की मानें तो ज्यादा नमक हाई बीपी का कारण बनता है इसलिए अपने खाने में नमक कम डालें। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या और शरीर में सूजन बढ़ने का भी खतरा होता है।
सफेद आलू
सफेद आलू स्वाभाविक रूप से अस्वस्थ नहीं होते हैं। वास्तव में, वे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत हैं, जैसे पोटेशियम, विटामिन सी, और फाइबर। आलू से कई ऐसी चीजें बनाई जाती हैं जिनका रोजाना सेवन किया जाता है और बड़ी मात्रा में। इन चीजों में नमकीन और फ्रेंच फ्राई आदि जैसी चीजें शामिल हैं।