हाल ही ब्रिटेन में हुए एक शोध में बोला गया है कि लॉकडाउन (LOCKDOWN) से बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है.
बाथ यूनिवर्सिटी में बच्चों व नौजवानों की मानसिक स्वास्थ्य पर अकेलेपन के प्रभाव के बारे में एक अध्ययन किया गया था. शोध का निष्कर्ष था कि आने वाले वर्षों में लोगों को मानसिक स्वास्थ्य (MENTLE HEALTH) सेवाओं की ज़्यादा ज़रूरत पड़ सकती है. शोधकर्ताओं का बोलना है कि बच्चों व किशोरों को लॉकडाउन के विराम के बाद भी एक लंबा समय इससे हुए डिप्रेशन (DEPRESSION) व चिंता (ANXIETY) जैसी समस्याओं से उबरने में लग सकता है. इसलिए सभी राष्ट्रों के चिकित्सा विभाग व स्वास्थ्य सेवाओं को इसके लिए भी तैयार रहना चाहिए. रिपोर्ट के अनुसार युवाओं में डिप्रेशन का ख़तरा पहले की तुलना में 3 गुना बढ़ गया है व अकेलेकपन का असर व डिप्रेशन का बच्चों व किशोरों पर प्रभाव कम-से-कम 9 वर्ष तक रह सकता है.