कोविड-19 महामारी से बचने के लिए वैसे दुनियाभर में कोई दवाई उपलब्ध नहीं है. ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचना ही सबसे सुरक्षित तरीका है.
अपने इम्यून सिस्टम को बेहतर करने के तमाम तरीकों के बीच अब वैज्ञानिकों ने भी यह मान लिया है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए नियमित योग बेहद महत्वपूर्ण है. हाल ही में एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि योग करने से आप तनाव व अवसाद से तो बचते ही हैं, साथ ही शारीरिक और मानसिक रूप में स्वस्थ होने के कारण कोरोना वायरस महामारी से भी बचे रह सकते हैं.दो विश्वविद्यालयों ने मिलकर किया शोध यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया व यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स की मेडिकल शोधकर्ताओं की एक टीम ने यह अध्ययन किया. शोधकर्ताओं ने बोला कि हमने योग में सिर्फ आसनों को शामिल किया है. प्राणायाम व मेडिकेशन इसमें शामिल नहीं हैं. उन्होंने अपने निष्कर्ष में पाया कि योग करने से मानसिक स्वास्थ्य बहुत ज्यादा अच्छा हो जाती है. विशेषकर तनाव, बेचैनी, सिजोफ्रेनिया, शराब की लत व बाइपोलर डिसऑर्डर के शिकार रोगियों में इसके बहुत ज्यादा सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं.आत्मिक शांति भी देता है योग रिसर्च के मुताबिक आसनों के आधार पर इसका विश्लेषण किया गया, क्योंकि इसमें आदमी 50 प्रतिशत शारीरिक रूप से सक्रिय हो जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक एक्सरसाइज, रनिंग, वर्कआउट आदि की तुलना में योग का ज्यादा फायदा मिलता है. योग से आत्मिक शांति भी मिलती है. ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के अनुसार, योग का एक्सरसाइज नियमित करने से अल्जाइमर व डिमेंशिया का खतरा कम होता है.
योग हर दिन करने से बालों व स्किन की स्वास्थ्य भी दुरुस्त रहती है. चमकती स्कीन चाहिए तो नियमित रूप से योग व व्यायाम करने की आदत डालें. इसके अतिरिक्त अमेरिकन मेडिकल सोसाइटी द्वारा किए गए एक रिसर्च के अनुसार, 65 साल के लोगों की स्कीन भी 20 से 40 साल के लोगों के बराबर चमकदार हो सकती है, यदि वो प्रतिदिन व्यायाम व योग करते हैं.कोरोना से बचना है तो रोजाना ये पांच आसन जरूर करें गोमुखासन : डाक्टर लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, गोमुखासन में गौ माता के समान मुद्रा होती है, इस आसन को करना बहुत ही आसान है. गोमुखासन वजन कम करने के लिए व शारीरिक सुंदरता बढ़ाने के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है. इससे कंधे, जांघ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. इस आसन से फेफड़े मजबूत होते हैं व श्वसन संबंधित सभी बीमारियां अच्छा होती हैं.
ताड़ासन : इस आसन को प्रातः काल खाली पेट करना चाहिए. ताड़ासन करने से भी फेफड़े मजबूत होते हैं, इसके अतिरिक्त पेट में भारीपन नहीं लगता है व कब्ज की शिकायत भी दूर होती है. यह आसन शरीर को लचीला भी बनाता है व मांसपेशियों का दर्द कम करता है.
मत्स्यासन : मत्स्यासन को करना भी बहुत ज्यादा आसान है, इसमें शरीर की मुद्रा मछली के समान दिखती है. मत्स्यासन करने से भी सांस की बीमारी अच्छा होती है. फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए मत्स्यासन सबसे बेहतर आसन है. इस आसन को भी प्रातः काल खाली पेट करने से ज्यादा लाभ होता है.
शशकासन : डाक्टर लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, नियमित रूप से इस आसन को करने से शरीर मजबूत व लचीला बनता है. पाचन प्रणाली सक्रिय होती है व कब्ज को दूर करता है. इस आसन को करने से श्वसन क्रिया सक्रिय हो जाती है, जिससे फेफड़े मजबूत होते हैं. इसके अतिरिक्त यह आसन क्रोध, भय, शोक, आदि आवेश तथा भावनात्मक असंतुलन को कम करता है. दिल रोग, दमा, मधुमेह से पीड़ित आदमी के लिए यह उपयोगी योग है. पेट पर जमी अलावा चर्बी को कम कर फैट की चर्बी दूर करने में सहायक है.
सूर्य नमस्कार : सूर्य नमस्कार में कुल 12 योगासन होते हैं. प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर 15 मिनट के लिए सूर्य नमस्कार करने से भी स्वास्थ्य अच्छा होता है. चूंकि यह 12 योगासनों का संयोजन है, इसलिए यह शरीर के हर अंग को लाभ पहुंचाता है. सूर्य नमस्कार से श्वसन प्रक्रिया अधिक होती है, इसलिए फेफड़ों के लिए यह बहुत ज्यादा अच्छा माना जा सकता है. इसके अतिरिक्त सूर्य नमस्कार वजन कम करने के अतिरिक्त पाचन तंत्र को भी अच्छा करता है.