पर्यावरण से खिलवाड़ कोरोना जैसी बीमारियों को न्योता, 60 फीसदी संक्रामक रोग जानवरों से

हैल्थ डैस्क। राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की रिपोर्ट के अनुसार, इंसानों को होने वाले 60 फीसदी संक्रामक रोग जानवर से जनित होते हैं। इबोला, एचआईवी, एवियन इन्फ्लूएंजा, फ्लू , जीका, सार्स जैसी बीमारियों सहित यह आंकड़ा 75 फीसदी के करीब हो गया है। जानवरों से मनुष्यों को होने वाली बीमारी को जूनोसिस रोग कहते हैं। तपेदिक, रेबीज, क्सोप्लासमोसिस, मलेरिया जैसी बीमारियां जानवरों से मनुष्यों में फैलती हैं। ग्वेनाएल वोर्क नामक एक फ्रांसीसी सार्वजनिक अनुसंधान संस्थान के अनुसार, कोविड-19 जैसी महामारी मानव गतिविधियों के कारण उत्पन्न होती है।

कोविड-19 चमगादड़ या पैगोंलिन से उत्पन्न हुआ है इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन यह स्पष्ट है कि यह रोग जानवरों से ही उत्पन्न हुआ है। यूनईपी की रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरणीय परिवर्तन या पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव के कारण जूनोसिस रोग उत्पन्न होते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 50 वर्षों के दौरान प्रकृति में परिवर्तन की दर बहुत ज्यादा है। जनसंख्या बढ़ने के साथ ही अत्यधिक मात्रा में प्राकृतिक संसाधन का दोहन, अत्यधिक पैदावार के लिए कृषि में खाद का उपयोग करना, मानव द्वारा जंगलों एवं अन्य स्थानों पर अतिक्रमण करना, इत्यादि पारिस्थितिक तंत्र में बदलाव के कारण हैं।

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