शारीरिक दूरी, मास्क और आंखों की रक्षा से हो सकता है कोरोना वायरस से बचाव

एक मीटर या उससे अधिक की शारीरिक दूरी कोरोना वायरस संक्रमण को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने से बचा सकती है। यह बात विभिन्न अध्ययनों की एक समग्र समीक्षा में सामने आई है। शारीरिक दूरी के साथ मास्क और आंखों की भी सुरक्षा से संक्रमण का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। यह समीक्षा लांसेट जर्नल में प्रकाशित हुई है। अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि मौजूदा सबूतों की यह व्यवस्थित समीक्षा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कराई गई है। कनाडा के मैकमास्टर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं समीक्षा के मुख्य लेखक होल्गर शूनेमन ने कहा शारीरिक दूरी से कोविड-19 के मामले में कमी आने की संभावना है। शूनेमन डब्ल्यूएचओ के संक्रामक रोगों, अनुसंधान के तरीके और सिफारिशें वाले समन्वय केंद्र के सह-निदेशक भी हैं।

उन्होंने कहा हालांकि प्रत्यक्ष सबूत सीमित हैं, समुदाय में मास्क का इस्तेमाल सुरक्षा प्रदान करता है और संभवत: एन95 या स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पहने जाने वाले मास्क का इस्तेमाल अन्य मास्क की अपेक्षा इससे ज्यादा सुरक्षा प्रदान करता है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि आंखों की सुरक्षा से अतिरिक्त फायदा मिल सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक-दूसरे का सहयोग कर रहे अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 के प्रत्यक्ष प्रमाणों और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एसएआरएस) और मिड्ल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एमईआरएस) से संबंधित कोरोना वायरस के अप्रत्यक्ष या जुड़े प्रमाणों पर काम किया है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि इसमें वैश्विक स्तर पर सहयोग बढ़ाने और विभिन्न निजी सुरक्षा की रणनीतियों पर अच्छे से अध्ययन करने की जरूरत है।

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