कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और संक्रमितों की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है। दुर्भाग्यवश इसका कोई इलाज भी नहीं मिला है। इससे लड़ने के लिए एक्सपर्ट्स इम्युनिटी सिस्टम मजबूत करने की सलाह दे रहे हैं।
आपको बता दें कि इम्यून सिस्टम केवल हेल्दी खाने से ही बेहतर नहीं होता है बल्कि एक्सरसाइज, योगासन और अन्य फिजिकल एक्टिविटीज से भी इसे मजबूत बनाया जा सकता है।
हम आपको कुछ आसान योगासन बता रहे हैं जो आपके शरीर को अंदर से मजबूत बनाकर रोगों से लड़ने की आपके शरीर की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
समय की कमी के चलते लोग न सही समय पर सो पाते हैं और ना ही समय पर खाना खाते हैं। यही कारण है कि उनका पाचन तंत्र बहुत प्रभावित होता है। पाचन तंत्र सही नहीं होने की वजह से आपके शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, इसलिए इसे सही करना बहुत जरूरी है।
ऐसे बहुत से योगासन हैं जिनकी मदद से आप अपने पाचन तंत्र को सही रख सकते हैं। यह योग आपके पेट को स्वस्थ रखेंगे, आपको पेट संबंधी रोगों से दूर रखेंगे और कुछ ही दिनों में आपको अन्दर से फिट बना सकते हैं।
1. सेतुबंध आसन
सेतुबंध आसन को ब्रिज पोज भी कहा जाता है क्योंकि इसका आकार बहुत हद तक ब्रिज के समान है। यह पीठ के बल पर लेट कर किए जाने वाले महत्वपूर्ण आसनों में से एक है। सेतुबंध आसन कमर दर्द, थायराइड, डिप्रेशन के साथ आपके पाचन तंत्र के लिए बहुत कारगर है। यह आसन पेट की मांसपेशियों को उत्प्रेरित करता है जिससे पाचन बेहतर होता है. इस के अभ्यास से व्यक्ति तनाव, निराशा व चिंता से मुक्त हो जाता है.
सेतुबंध आसन करने की विधि
1. सबसे पहले आप पीठ की तरफ लेट जाए।2. अब अपने घुटनों को मोड़े ताकि यह रीढ़ की हड्डी के 90 डिग्री पर हो।3. सांस लेते हुए अपने कमर को सहूलियत के हिसाब से उठाए।4. इस अवस्था को 20-30 सेकंड तक बनाये रखें।5. जब आप आसन धारण करते है तो धीरे धीरे सांस ले और धीरे धीरे सांस छोड़े।6. फिर सांस छोड़ते हुए जमीन पर आएं।7. यह एक चक्र हुआ, आप 3 से 5 बार इसे कर सकते हैं।
2. पवन मुक्तासन
पवन मुक्तासन का अर्थ होता है पवन या हवा को मुक्त करना। जब हम इस आसन को करते हैं तब हमारे पेट से गैस और कब्ज के कारण जो वायु जमा होती है वो आसनी से बाहर निकल जाती है।
पवन मुक्तासन करने की विधि
1. सबसे पहले सीधे होकर शवासन में लेट जाएं।2. जब आप सीधे लेट जाते हो तो दाएं पैर के घुटनें को अपनी छाती पर रखें।3. अब अपने दोनों हाथों की अंगुलियां एक-दूसरे में डालते हुए अपने घुटनों को पकड़ लें।4. अपनी सांस को बाहर निकालते हुए अपने घुटने को छाती से लगाएं एवं सिर को उठाते हुए घुटने से नासिका को स्पर्श करवाएं।5. कुछ सेंकड तक अपने श्वास को बाहर रोकते हुए इसी स्थिति में बने रहें और बाद में अपने पैर को सीधा कर लें।6. अब इसको दूसरे पैर के साथ करें।7. इस क्रिया को चार से पांच बार तक करें।8. अंत में अपने दोनों पैरों के साथ करें, ऐसा करने से आपका एक चक्र पूरा हो जाता है।
3. नौकासन
इस आसन से भी पेट के समस्त अंगो को बल प्रदान करता है जिसके फलस्वरूप पाचन क्रिया में सुधार होता है। यह शरीर में इकट्ठे हुए तनाव को कम करता है तथा पीठ को सुदृढ़ करता है| यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और साथ ही साथ सिर से लेकर पैर की अंगुली तक फायदा पहुंचाता है।
नौकासन करने की विधि
1. सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।2. आपके हाथ जांघ के बगल हो और आपकी शरीर एक सीध में रहे।3. अपने शरीर को ढीला छोड़े और सांस पर ध्यान दें।4. अब आप सांस लेते हुए अपने सिर, पैर, और पुरे शरीर को 30 डिग्री पर उठाएं।5. ध्यान रहे आपके हाथ ठीक आपके जांघ के ऊपर हो।6. धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े, इस अवस्था को अपने हिसाब से बनाएं रखें।7. जब अपने शरीर को नीचें लाना हो तो लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए सतह की ओर आएं।8. यह एक चक्र हुआ और शुरुवाती दौड़ में 3 से 5 बार करें।