सीएसआईआर कई दवाओं को नए सिरे से कोरोना के लिए प्रस्तुत कर रहा, पढ़े

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) देश के एक जनजातीय समूह में परंपरागत रूप से प्रयोग होने वाली औषधि एसीक्यूएस को कोरोना के विरूद्ध एंटीवायरल दवा के रूप में तैयार कर रहा है.

पहले चरण के क्लीनिकल ट्रायल हो चुके हैं. कुछ ही दिनों में दूसरे चरण के परीक्षण कोरोना रोगियों पर शुरुआत किए जाने की मंजूरी हाल में ही ड्रग कंट्रोलर ने प्रदान कर दी है.
सीएसआईआर के महानिदेशक डा। शेखर सी। मांडे ने 'हिन्दुस्तान' को बताया कि सीएसआईआर कई दवाओं को नए सिरे से कोरोना के लिए प्रस्तुत कर रहा है तथा कई नए मालीक्यूल पर भी कार्य कर रहा है. एसीक्यूएस ऐसी ही एक नयी एंटीवायरल दवा है.
सीएसआईआर के अनुसार, यह दवा एक जनजातीय जिले में एक पादप से हासिल की गई है. इसे डेंगू के लिए भी उपयोगी पाया गया था. अब तक इसे डेंगू के लिए ही तैयार किया जा रहा था, लेकिन डेंगू व कोरोना दोनों आरएनए वायरस हैं. अध्ययन में इस दवा को कोरोना के लिए भी अच्छा पाया गया है.
सीएसआईआर के अनुसार, दवा के दूसरे चरण के मानवीय परीक्षण पीजीआई चंडीगढ़ समेत कई अस्पतालों में कोविड रोगियों पर सन फार्मा की मदद से किए जाएंगे. डीजीसीआई से इसकी मंजूरी मिल चुकी है. अगले कुछ दिनों में ये परीक्षण प्रारम्भ होने की उम्मीद है. इस दवा की तकनीक सीएसआईआर की लैब आईजीआईबी ने सन फार्मा को दी है.

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