बक्सर : रोहिणी नक्षत्र में शनिवार की शाम हुई बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे। बारिश से मवेशियों के हरा चारा सहित सब्जी के खेतों को राहत मिली है। जबकि, खेतो में धान की नर्सरी लगानेवाले किसानों का काम आसान हो गया है।
गेहूं की कटाई के बाद 25 मई से रोहिणी नक्षत्र का समय चालू है। अभी तक आसमान से तपती धूप ही खेतों को मयस्सर थी। जिससे धान का बीज डालने के लिए पानी की आवश्यकता महसूस हो रही थी। तभी शनिवार की बारिश से किसानों के मुरझाए चेहरे खिल उठे। किसानों के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद साबित होगी। इधर, मौसम की तल्खी से हरा चारा और सब्जी उत्पादकों को पानी की आवश्यकता हो रही थी। ऐसे में यह बारिश सोने पर सुहागा का काम कर गई। इधर, किसानों के मुताबिक बारिश से खेतों में घास-फूस उग जाएंगे। जिसे रोपनी से पूर्व खेतों की जुताई कर दिया जाएगा। जिससे धान की रोपनी में आसानी होगी। किसानों का कहना है कि जिस इलाके में पानी की कमी होगी। अब वहां भी धान के बीज खेतो में पड़ जाएंगे। वहीं, खेतो में अरहर तथा सब्जी के बीज भी लग जाएंगे। बारिश से मौसम की तल्खी भी दूर हो गई है। गर्मी से परेशान लोगों के लिए यह बारिश सुकून का अहसास करा रही है। बिजली आधारित पंखा और कूलर पर आश्रित लोगों के लिए मौसम की गर्मी से राहत मिली है।
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Posted By: Jagran
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