कोविड-19 महामारी के चरम पर होने के विषय में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डाक्टर रणदीप गुलेरिया द्वारा की गई भविष्यवाणी पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर हर्षवर्धन सहमत होते नहीं दिख रहे हैं.
हर्षवर्धन ने गुरुवार को बीमारी के भविष्य के परिदृश्य के बारे में बोला कि इस विषय में वैसे कोई भी धारणा बनाना कठिन है.
स्वास्थ्य मंत्री ने आईएएनएस के साथ एक विशेष इंटरव्यू में बोला कि विभिन्न मान्यताओं व वायरस के बारे में कम जानकारी के आधार पर विषम गणितीय मॉडलिंग को देखते हुए बीमारी के भविष्य के परिदृश्य के बारे में सटीक भविष्यवाणी करना बेहद कठिन है.
एम्स के निदेशक गुलेरिया का बोलना है कि अगले दो महीनों में स्थिति व बिगड़ सकती है, जबकि डाक्टर हर्षवर्धन ने स्थिति को स्थिर बताते हुए स्पष्ट किया, "अभी कोई अप्रत्याशित वृद्धि नहीं देखी गई है."
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बोला कि कोविड-19 एक नयी बीमारी है व इस वायरस का स्वभाव व प्रकोप अभी भी अज्ञात है. उन्होंने बोला कि हमारे वैज्ञानिक जीन अनुक्रमण की मदद से इसका अध्ययन कर रहे हैं. मंत्री ने कहा, "वायरस व बीमारी के बारे में अधिक डेटा वैसे उपलब्ध नहीं है."
उन्होंने कहा, "जहां तक बीमारी के प्रसार को लेकर भविष्यवाणियों का मामला है, मैं आपको बता दूं कि मैं एक गणितीय भविष्यवाणी मॉडल या अन्य के बारे में सुनता रहता हूं. बहुत सारे ऐसे मॉडल हैं, जो बहुत ज्यादा भविष्यवाणियां करते हैं. हालांकि इन्हें ट्रैक करना या उन्हें ठीक ठहराना कठिन है."
एम्स निदेशक डाक्टर गुलेरिया ने सात मई को बोला था, "राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय दोनों विशेषज्ञ डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं. उनमें से अधिकतर ने अनुमान लगाया है कि हिंदुस्तान में जून या जुलाई में स्थिति अपने चरम पर होगी."