गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 से संक्रमित पाई गई 16 स्त्रियों के गर्भनाल में क्षति देखी गई है. यह अंग भ्रूण की आंत, किडनी, लिवर व फेफड़ों की तरह कार्य करता है.
शोधकर्ताओं ने यह खुलासा किया है. अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल पैथोलॉजी में प्रकाशित शोध के अनुसार बच्चे के अच्छा पैदा होने के बाद की गई जांचों से सबूत मिलता है कि कोविड-19 संक्रमण के कारण मां से बच्चों को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिल रहा व गर्भनाल में खून के थक्के भी देखे गए. यह कोविड-19 की नयी जटिलताओं की ओर संकेत कर रहे हैं. इन निष्कर्षों से महामारी के दौरान गर्भवती स्त्रियों की निगरानी करने व उन्हें जागरूक करने में मदद मिलेगी.
अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता चिकित्सक जेफरी ग्लोडस्टीन ने कहा, कोविड-19 संक्रमित गर्भवती माताओं के बच्चों का जन्म बिल्कुल अच्छा समय पर हुआ. ऐसे में गर्भनाल के साथ कुछ भी गलत होने की संभावना मन में नहीं उठती. लेकिन, यह वायरस गर्भनाल को कुछ हद तक नुकसान पहुंचा रहा है. शोधकर्ता इमली मिलर ने कहा, गर्भनाल भ्रूण के वेंटिलेटर की तरह कार्य करता है व अगर उसे नुकसान पहुंचेगा तो इसके परिणाम बेहद बेकार हो सकते हैं. अगर गर्भवती माताओं को कोविड-19 संक्रमण हो गया तो उनका गर्भनाल अच्छा से कार्य नहीं कर पाएगा. भ्रूण तक खून के प्रवाह में बाधा आ सकती हैं व गर्भनाल में खून के थक्के जम सकते हैं.
मिलर ने कहा, गर्भनाल का निर्माण अलावा साम्रगी के साथ होता है. अगर सिर्फ आधा गर्भनाल भी अच्छा से कार्य करे तो शिशु पूरी तरह से स्वस्थ होंगे. हालांकि, इन माताओं से जन्में ज्यादातर बच्चे सामान्य रहेंगे, लेकिन कुछ गर्भावस्थाओं में जटिलताएं पनप सकती हैं.