हाथ हमारे शरीर का महत्त्वपूर्ण अंग हैं। हमारी हथेली पर रेखाओं के रूप में जीवन की संपूर्ण घटनाएं अंकित होती हैं। इन रेखाओं का अध्ययन करके जीवन में घटित होने वाली घटनाओं को जाना जा सकता है। हस्तरेखाओं के अनुसार फलादेश करते समय हाथ के आकार, अंगूठे एवं अंगुलियों की बनावट को भी ध्यान में रखना चाहिए।
हाथ में अंगुलियां छोटी तथा हाथ भारी हो तो ऐसे लोग स्वार्थी होते हैं। वे सबसे पहले अपने बारे में सोचते हैं, उसके बाद समाज के बारे में। विद्या अध्ययन करते समय भी ऐसे लोग खूब सोच-विचार करते हैं कि भविष्य में इससे कितना लाभ प्राप्त होगा।
ऐसे लोग दोस्ती भी वैसे लोगों से करते हैं जिनसे इन्हें लाभ प्राप्त होने की संभावना दिखती है। अगर भविष्य में लाभ नहीं दिखलाई देता तो वे दोस्ती करने से कतराते हैं। ऐसे लोग विवेकी होते हैं तथा हर परिस्थिति में अपने को नियंत्रण में रखते हैं। ऐसे लोगों के पास रूपये पैसों की कमी नहीं रहती।
यदि अंगूठा मोटा हो तथा पीछे की ओर झुका हो, अंगुलियां छोटी हों तो ऐसे लोग सतर्क बुद्धि के होते हैं। ऐसे लोगों का अपने संबंधियों से प्रेम संबंध नहीं होता। ऐसे लोग चंचल होते हैं। यदि हाथ में जीवन रेखा से अंदर शुक्र की रेखाएं काट रही हों तो ऐसे लोग जिम्मेदारी के कारण मानसिक रूप से परेशान रहते हैं।
जिनके दोनों हाथों में जीवन रेखा गोलाई लिए होती हैं तो ऐसे लोग जीवन में कामयाब होते हैं। इन्हें पत्नी और कुटुम्ब से भरपूर सुख मिलता है। वंश वृद्धि होती है लेकिन आर्थिक स्थिति में कम परिवर्तन होता है। ऐसे लोग शांतिप्रिय होते हैं। लड़ाई झगड़े से दूर रहते हैं। काफी सोच-विचार करके खर्च करते हैं। इनका विवाह जल्दी हो जाता है।
जिस व्यक्ति के हाथ में शुक्र बहुत उन्नत (उठा हुआ) होता है, वह व्यक्ति कामुक प्रवृत्ति का होता है। इनकी पत्नी गर्भाशय के रोग से पीडि़त होती है। यदि मस्तिष्क रेखा दोषरहित हो तो ऐसे लोग पढऩे-लिखने में तेज होते हैं।
जो हाथ समकोण होता है, उसकी तरक्की का लाभ सभी कुटुंबियों को प्राप्त होता है। संतान तकनीकी दिमाग वाले और विज्ञान में रूचि रखने वाले होते हैं। यदि बुध पर सूर्य रेखा और जीवन रेखा उत्तम हो तो ऐसे लोग रसायन के क्षेत्र में जाते हैं। ऐसे लोग प्रेमी स्वभाव के होते हैं तथा इन्हें प्रकृति से भरपूर सहयोग मिलता है।
-शरबानी देवनाथ