आईवरमैक्टीन कोरोना वारयस के लड़ाई में कितना लाभकारी, जाने

अब बात एक ऐसी दवा की जो बहुत सस्ती है, सुरक्षित है हिंदुस्तान में उपलब्ध भी है व कोरोना वायरस के मरीजों पर उपचार के तौर पर कार्य भी कर रही है। ये दवा है-आईवरमैक्टीन (Ivermectin)।

भारत समेत जापान, बांग्लादेश व बोलिविया के कई शहरों में इस दवा को उपचार के तौर पर प्रयोग किया जा रहा है। व नतीजे बेहद तसल्ली देने वाले हैं। जापान के पीएम शिंजो आबे दवा का ट्रायल करने का निर्णय भी कर चुके हैं।
आईवरमैक्टीन, एक ऐसी दवा जो दुनिया स्वास्थ्य संगठन के डी वर्मिंग कार्यक्रम का भाग है, जिसे दुनिया स्वास्थ्य संगठन की सेफ्टी लिस्ट में सुरक्षित माना जाता है। एक ऐसी दवा जो पेट में कीड़े मारने की दवा यानी डी-वर्मिंग टैबलेट के तौर पर जानी जाती है। अब यही दवा कोरोना वायरस के उपचार में कार्य आ सकती है। हिंदुस्तान में केरल, उत्तर प्रदेश के कानपुर व दिल्ली में कई अस्पताल भी अब इस दवा को कोरोना मरीजों पर आजमा रहे हैं।
मोनाश यूनिवर्सिटी आस्ट्रेलिया व विक्टोरियन इंफेक्शियस डिजीज रेफरेंस प्रयोगशाला में हुई एक प्रयोगशाला स्टडी में ये पाया गया कि ये दवा 48 घंटे के अंदर वायरस का खात्मा कर देती है। प्रयोगशाला स्टडी में देखा गया कि इस दवा से कोरोनावायरस का आरएनए 93 फीसदी निर्बल पड़ गया।
हालांकि इस स्टडी में इंसानों पर दवा को आजमा कर नहीं देखा गया। लेकिन ये कार्य बांग्लादेश के एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने किया। बांग्लादेश के एक व्यक्तिगत अस्पताल के डॉक्टरों ने अपने यहां भर्ती 60 कोरोना मरीजों को आईवरमैक्टीन की दवा एक साथ ही एक एंटीबायोटिक दवा डॉक्सीसाइक्लिन दी। अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक दवा देने के 72 घंटे बाद सभी मरीजों का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया।
दरअसल, आईवरमैक्टीन इम्युनिटी बढ़ाने वाली एंटीवायरल दवा मानी जाती है। हालांकि ये दवा चमत्कारी दवा साबित हो जाए इसके लिए बड़े ट्रायल की आवश्यकता होगी। लेकिन बिना खास साइड इफेक्ट वाली इस बेहद सस्ती दवा ने मेडिकल जगत को एक नयी उम्मीद दे दी है।
हार्वर्ड ने अपनी स्टडी में पाया है कि इस दवा से मरीज कोरोना मुक्त हो रहे हैं।
कानपुर मेडिकल कालेज में 104 मरीजों को दवा दी गई। 94 का टेस्ट दवा देने के 4 दिन में​ नकारात्मक आया। कानपुर मेडिकल इस दवा पर रिसर्च पेपर लिख रहा है।

अन्य समाचार