दुनिया लगभग आधी करोड़ आबादी को संक्रमित कर सवा तीन लाख लोगों की मौतों का कारण बने कोरोनावायरस का आकार दिनों दिन फैलता जा रहा है. इस खतरनाक वायरस का इलाज खोजने के लिए वैज्ञानिक दिन-रात जुटे हैं.
वैक्सीन का दावा इजराइल, ब्रिटेन व जर्मनी की कंपनियां कर चुकी हैं, लेकिन अब तक ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं. इस बीच आइआइटी दिल्ली व जापान की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड इंडस्ट्रियल सांइस एंड टेक्नोलॉजी के ताजा शोध में सामने आया है कि आयुर्वेदिक औषधि अश्वगंधा से कोरोना का इलाज संभव है.
रिसर्च टीम के मुताबिक अश्वगंधा में पाया जाने वाला प्राकृतिक तत्व विथानन (Withanone) से कोरोना की प्रभावी दवा बनाई जा सकती है. रिसर्च में यह भी सामने आया कि अश्वगंधा के केमिकल कंपाउंड विथानन में कोरोनावायरस के रेप्लीकेशन को रोकने की क्षमता है. विथानन व न्यूजीलैंड में पाए जाने वाले पौधे प्रॉपलिस में उपस्थित कैफेड एसिड फेनेथिल एस्टर के मिलावट से कोरोनावायरस की दवा बनाई जा सकती है. रिसर्च टीम का बोलना है कि अश्वगंधा व प्रॉपलिस में मिले यौगिक मानव शरीर में वायरस के मुख्य एंजाइम को समाप्त करने की क्षमता रखते हैं. हालांकि टीम का बोलना है कि दवा बनाने के लिए इनका टेस्ट व ट्रायल होना चाहिए, ताकि इसे जल्द ही तैयार किया जा सके. वैसे इसमें वक्त लग सकता है. लेकिन वैसे इन प्राकृतिक तत्वों को थैरेपी के तौर पर कार्य में लिया जा सकता है.
दस सालों से मिलकर शोध कर रहे आइआइटी दिल्ली के प्रोफेसर डी। सुंदर का बोलना है कि आइआइटी दिल्ली व जापान की इंटीट्यूट के वैज्ञानिक पिछले दस साल से शोध कार्यों में लगे हैं. उन्होंने बोला कि प्राकृतिक दवाओं के मैकेनिज्म का ठीक प्रयोग नहीं किया गया है. जबकि आयुर्वेद हजारों सालों से आरोग्य का प्रभावी सूत्र दे रही है.
क्या है अश्वगंधा व इसके फायदा (What is Ashwagandha and its benefits) अश्वगंधा तनाव व एंग्जायटी के लिए अच्छा निवारण है. इससे पहले भी वैज्ञानिक परीक्षण में यह साबित हो चुका है कि यह स्ट्रेस व एंग्जायटी के अतिरिक्त ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी अहम किरदार अदा करती है. एंटी इन्फलेमेटरी तत्वा होने से यह प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करती है.