मधेपुरा। कोरोना महामारी में मजदूर को काम की जरूरत को देखते सरकार ने मनरेगा के तहत गांव के मजदूर और प्रवासियों को काम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। वहीं गम्हरिया में मनरेगा र्किमयों के द्वारा मजदूरों को काम नहीं देकर जेसीबी से कार्य कराकर मजदूरों के हक को मारा जा रहा है। मजदूरों की हकमारी की बात चिकनी पंचायत के वार्ड नंबर तीन से सामने आई है। जबकि कमोवेश मनरेगा की यही स्थिति प्रखंड के अन्य पंचायत की है। चिकनी पंचायत के वार्ड नंबर तीन के ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी एवं उप विकास आयुक्त से मनरेगा के तहत पोखर खुदाई में जेसीबी मशीन के उपयोग की सूचना दी। सूचना पर जांच के बाद संबंधित योजना के अभिकर्ता पर प्राथमिकी दर्ज करने आदेश के बाद कार्यक्रम पदाधिकारी सतीश चंद्र ने थाना में आवेदन देकर पीआरएस अमरेन्द्र कुमार पर प्राथमिकी दर्ज कराई है। वहीं मुखिया की संलिप्तता के बाद भी इनका नाम प्राथमिक में नहीं दिया गया है। जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि चिकनी पंचायत के वार्ड नंबर तीन में शम्भू यादव पिता देवदत्त यादव के निजी जमीन पर मनरेगा के तहत पोखर खुदाई का योजना पारित के बाद कार्य प्रारंभ किया गया था। परन्तु अभिकर्ता और अन्य लोगों ने मिली भगत कर पोखर की खुदाई जेसीबी मशीन से किया। उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी में मे मजदूरों को काम देने के लिए जल जीवन हरियाली योजना के तहत पोखर खुदाई करवाना था। उन्होंने कहा कि जिला पदाधिकारी के यहां ग्रामीणों की शिकायत के बाद उप विकास आयुक्त के निर्देश पर योजना से संबंधित अभिकर्ता अमरेन्द्र कुमार के विरूद्ध मामला दर्ज कराया गया है।
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Posted By: Jagran
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