अगर आप तनाव महसूस कर रहे हैं तो खुद को किसी कार्य में व्यस्त कर लें. मसलन घर की साफ-सफाई, जुम्बा क्लास या पोछा लगाना जैसे सामान्य कार्य जिसमें बेहद सोचना-समझना न पड़े. इस प्रकार शरीर को किसी कार्य में व्यस्त रखने व लंबी सांसे लेने से हमारे शरीर को तनाव दूर करने में मदद मिलती है. दरअसल हमारे शरीर में तनाव के प्रति रिएक्शन करने का एक चक्र होता है. अगर यह पूरा नहीं होता है तो हमें थकान व अनिद्रा जैसी परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है. 'बर्नआउट: द गोपनीय टू अनलॉकिंग द स्टै्रस' किताब की लेखक एमिली व एमेलिया नागोस्की का बोलना है कि खुद को किसी भी सामान्य गतिविधि में व्यस्त करने से हमें शरीर की कैलोरी घटाने में मदद मिलती है. अगर कुछ समझ नहीं आ रहा है तो बजाय कानों पर हैडफोन लगाकर मोबाइल पर पीडियो गेम खेलने के अपने दोस्तों के साथ किसी पसंदीदा कार्य को करते हुए वक्त बिताइए. दोस्तों के साथ हंसी-मज़ाक व साथ रहने की भावना आपको सुरक्षित महसूस करने में मदद करती है व तनाव के स्तर को भी कम करती है.
अपने तन-मन व आत्मा का खयाल रखिए मनोवैज्ञानिक शेैरिल जीगलर कहते हैं कि मोबाइल सोसायटी के इस दौर में परिवार के मेम्बर रोजगार के सिलसिले में बहुत ज्यादा दूर रहते हैं, धर्म के प्रति हमारा रुझान घट रहा है. ऐसे में हम में से बहुत अपने परिजनों, परिवार व समुदाय से दूर होते जा रहे हैं. जब दशा बुरे हों या कोई एक्सीडेंट हो जाए तो ऐसे में हम किस के पास मदद के लिए जाएंगे? अपना दुख कहने के लिए हम अक्सर मंदिर-मस्जिद या बउ़ों के पास जाते थे. यह महत्वपूर्ण नहीं कि आप आज भी मंदिर-मस्जिद या गुरुद्वारे में ही जारएं लेकिन अपने मन में कहीं न कहीं अध्यात्मिकता का दयिा जला कर रखें. फिर चाहे आपकी मान्यताएं कोई भी हों. यदि आपके पास कोई समुदाय नहीं है, एक बनाओ. क्योंकि यह बहुत जरूरी है.