ब्रिटेन की मशहूर चिकित्सा पत्रिका 'द लांसेट' के नये संस्करण ने समीक्षा जारी कर कहा कि अमेरिकी रोग नियंत्रण केंद्र की भूमिका को कम करने से वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग को खतरे में डाला जा सकता है।
समीक्षा में कहा गया कि अमेरिका में महामारी की स्थिति आशाजनक नहीं है, लेकिन इस देश का रोग नियंत्रण केंद्र महामारी से निपटने में कमजोर साबित हो रहा है, जो केवल नाममात्र का सलाहकार बना हुआ है।
समीक्षा में यह भी कहा गया कि 1946 में अमेरिकी रोग नियंत्रण केंद्र की स्थापना के बाद वह अमेरिका का सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र का स्तंभ बन गया था, जिसकी वैश्विक प्रतिष्ठा थी। उसके द्वारा प्रशिक्षित विशेषज्ञों ने अमेरिका और अन्य देशों में बड़ी भूमिका अदा की है। निसंदेह महामारी के प्रकोप की शुरुआत में रोग नियंत्रण केंद्र ने गलती की, खास तौर पर वायरस जांच को लेकर। लेकिन उसकी भूमिका को कम करने से अमेरिका की समस्या हल नहीं हो सकती है।
अमेरिकी सरकार महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए टीके और नयी दवाओं पर ज्यादा भरोसा कर रही है। उनका यह भी मानना है कि वायरस अपने आप गायब हो जाएगा। लेकिन तथ्य यह है कि सिर्फ वायरस जांच करने, संक्रमित लोगों का पता लगाने और एकांतवास करने आदि बुनियादी सार्वजनिक स्वास्थ्य नियमों के आधार पर ही महामारी को खत्म किया जा सकता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र को खतरे का सामना करने के लिए अमेरिका या अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक प्रबल रोग नियंत्रण केंद्र की आवश्यकता है, केवल इससे ही महामारी को रोका जा सकता है।