पंचायत क्वारंटाइन सेंटर पर कुव्यवस्था का आरोप लगा रहे प्रवासी कामगार

रोहतास। सरकार वापस लौटे प्रवासी कामगारों को हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराने की दावा भले ही करे, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करता है। पंचायतों में बने कई क्वारंटाइन सेंटर पर न तो चापकल सही सलामत है न शौचालय। यही नहीं वहां रह रहे प्रवासी कामगारों की स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं होता है। जिससे कि पता चल सके किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हैं की नहीं। प्रवासी कामगारों की देखभाल के लिए सेंटर पर प्रतिनियुक्त शिक्षकों ने अधिकारियों ने केंद्र पर मूलभूत सुविधा मुहैया कराने की मांग की है, जिससे कि कामगारों को रहने में परेशानियों का सामना न करना पड़े।


शिवसागर प्रखंड के मध्य विद्यालय गरूड़ा के प्रभारी प्रधानाध्यापक संतोष कुमार सिंह ने आपदा प्रबंधन के अधिकारी को पत्र भेज क्वारंटाइन सेंटर पर उपलब्ध सुविधाओं से अवगत कराया है। जिसमें खराब चापाकल की मरम्मत कराने की मांग की है। प्रभारी प्रधानाध्यापक के मुताबिक क्वारंटाइन सेंटर पर रहे लोगों की स्वास्थ्य जांच भी नहीं होती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो होम क्वारंटाइन के बदले में पंचायत में क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, ताकि लोग 14 दिन की अवधि बीता सके। उन्हीं लोगों को पंचायत के क्वारंटाइन सेंटर पर रखा जा रहा है, जो ग्रीन जोन से आए हैं। वैसे लोगों की जांच कराए जाने का प्रावधान है, जिनमें सर्दी-खांसी व बुखार होने की सूचना मिलेगी। जांचोपरांत उन्हें प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा।
Posted By: Jagran
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