प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्म निर्भर भारत की बात कही थी उनके द्वारा बोले गए इस महत्वपूर्ण शब्द पर पूरी तरह से खरा उतरता लखनऊ का एक दिव्याग देखा गया . चलने फिरने से मजबूर ट्राई साईकिल के सहारे चलने वाले दिव्याग को अपनी ट्राई साइकिल पर घर मे बने मास्क को बेचते हुए लखनऊ के चाौक चाौराहे पर देख कर वहां से गुज़र रहे कई लोगो ने उस आत्म निर्भर दिव्यांग से मास्क खरीद कर उसका मनोबल बढ़ाया. लाक डाउन लागू होने के बाद दवा की दुकानो पर 15 रूपए कीमत मे बिकने वाला मास्क लोगो ने 70 से 90 रूपए तक खरीदा . कई जगह मास्क और सेनेटाईज़र की बिक्री मे जम कर मुनाफाखेरी की गई लेकिन चाौक चााराहे पर ट्राई साईकिल पर लटका कर दिव्याग द्वारा बेचे जा रहे घर मे निर्मित किए गए मास्क की कीमत मात्र 15 रूपए थी. हालाकि आत्म निर्भर खुददार दिव्याग ने अपना नाम तो नही बताया लेकिन ये ज़रूर कहा कि कोरोना काल मे जब पूरा देश परेशान है तब ऐसे हालात मे किसी से मदद मांगते हुए अच्छा नही लगता है इस लिए हमने सोंचा कि क्यूं न कोरोना काल मे आम जनता के लिए मास्क लगाना अनिवार्य किए जाने के बाद मास्क का निर्माण घर मे शुरू करके वाजिब दामो मे बेचा जाए . आत्म निर्भर इस दिव्यांग का कहना था कि मेहनत से कमाई गई रोटी का आनन्द ही कुछ और है दिव्यांग ने बताया कि वो रोज़ करीब 50 से 70 मास्क घूम घूम कर बेचता है जिससे उसके परिवार के भरण पोषण के लिए पैसे मिल जाते है. शिददत की गर्मी और तेज़ धूप मे आत्म निर्भर दिव्यांग को देख कर लोगो ने इस आत्म निर्भर दिव्याग की खूब तारीफे की . इस आत्म निर्भर दिव्यांग ने ये संदेश भी दिया है कि अगर इन्सान कोशिशे करे तो उसकी ज़िन्दगी भले ही ऐश से न गुज़रे लेकिन आसानी से ज़रूर गुज़र सकती है. आत्म निर्भर दिव्यांग सिर्फ मास्क ही नही बल्कि घर मे तैयर किए गए झोले भी बेचते हुए देखा गया .