कोरोना से लड़ने वाली आयुर्वेदिक दवाओं का परीक्षण किन पर किया जाएगा, क्या ये संक्रमण रोक पाएंगी व क्या संक्रमण खांसी के साथ बुखार आना कोविड-19 का प्रमुख लक्षण है ऐसे कई सवालों के जवाब आयुष मंत्रालय के सलाहकार डाक्टर डीसी कटोच ने आकाशवाणी को दिए हैं, जानिए इनके बारे में
#1) कोरोनावायरस का संक्रमण कब समाप्त होगा?
यह एक महामारी है जो पूरी संसार में फैली हुई है. जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक सभी को वायरस से बचाव के लिए सावधानी बरतनी है. साफ-सफाई का ध्यान रखना है. वायरस से बचने के लिए जो भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं, उसका पालन करेंगे तो संक्रमण नहीं होगा. वैसे बचाव बहुत महत्वपूर्ण है.
#2) आयुर्वेद की किन औषधियों का परीक्षण चल रहा है? आयुष मंत्रालय में एक टास्क फोर्स बनाई गई है जो वायरस से बचाव के लिए दवाओं पर रिसर्च कर रही है. इसमें पीपली के साथ गुरुची, मुलेठी, अश्वगंधा व आयुष-64 हैं. ये सभी रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती हैं. शोध में ये सभी दवाएं जुकाम व खांसी को अच्छा करने में अच्छा पाई गई हैं. कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद सभी को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की सलाह दी गई है. इन दवाओं पर व शोध चल रहा है कि वायरस से संक्रमण के बचाव में इनका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं.
#3) किन लोगों पर दवा का परीक्षण किया जाएगा? ऐसे अस्पताल जहां कोविड-19 के चिकित्सक व स्टाफ हैं उन पर परीक्षण किया जाएगा. एक जो संक्रमितों की सेवा में लगे हैं उनके सीधे संपर्क में हैं. दूसरा, वे लोग जिनमें लक्षण हैं. देखा जाएगा कि वे औषधियों के जरिए कितने दिनों में अच्छा होते हैं. इसके लिए आयुष मंत्रालय ने दिशा-निर्देश दिए हैं, उसके अनुसार ही परीक्षण किया जाएगा.
#4) क्या आयुर्वेद की दवा लेने से वायरस का संक्रमण नहीं होगा? अगर आप कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए किसी भी तरह की आयुर्वेदिक दवाई का इस्तेमाल करते हैं तो उसे करते रहें. आयुर्वेद की औषधियां वायरस से लड़ने में मदद करती हैं व संक्रमण हो भी गया तो जल्दी अच्छा हो जाता है. लेकिन इस बीच अगर कोई लक्षण आते हैं व तबियत बिगड़ती है तो चिकित्सक से संपर्क करें. वैसे वायरस का संक्रमण तभी होगा जब आप बाहर जाएंगे या किसी संक्रमित के संपर्क में आएंगे. इसलिए बाहर जाएं व हर प्रकार की सावधानी बरतें.
#5) सामान्य मास्क कैसे बचाएगा, क्या एन-95 मास्क ज्यादा अच्छा होता है? घर पर बना मास्क वायरस से बचने के लिए अच्छा है लेकिन उसे समय-समय पर धोते रहें. अगर बाहर जाते हैं तो धूल, गंदगी या वायरस मास्क पर बैठ जाते हैं. इसलिए बाहर से आने के बाद मास्क साफ कर लेना चाहिए. घर में बने मास्क में 3 परत होनी चाहिए. उससे वायरस अंदर नहीं प्रवेश कर पाएगा. एन-95 मास्क केवल अस्पताल में कार्य करने वालों के लिए है क्योंकि वे मरीजों के सीधे संपर्क में आते हैं.
#6) केवल खांसी, बलगम आने से कोरोना की संभावना है या बुखार आना भी महत्वपूर्ण है? कोरोनावायरस में सूखी खांसी आती है, उसके बाद सांस लेने में तकलीफ होती है. शुरु में बुखार हल्का होता है व धीरे-धीरे बढ़ता जाता है. अगर वायरस का संक्रमण है तो धीरे-धीरे तबीयत बेकार होगी व कमजोरी महसूस होगी. केवल खांसी आने का मतलब वायरस का संक्रमण नहीं है. #7) लॉकडाउन में ढील दी जा रही है, अपनी सुरक्षा कैसे करें? लॉकडाउन में ढील दी जा रही है. इसका मतलब ये नहीं कि एक स्थान भीड़ लगाकर खड़े हो जाएं. सुरक्षित दूरी बनाए रखें. बाहर जाएं तो मास्क लगाकर ही रखें. नाक में सरसों या नारियल ऑयल की कुछ बूंदे डाल दें. अगर बाहर से किसी वस्तु जैसे सब्जी आदि को छुआ है तो हाथ जरूर धोएं. इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें. #8)आयुर्वेदिक काढ़ा घर में कैसे बना सकते हैं? तुलसी के पत्ते, दालचीनी, सोंठ, काली मिर्च को गरम पानी में डालकर उबाल लें व हर्बल टी की तरह रोज प्रातः काल पिएं. इससे इम्युनिटी भी बढ़ती है, इसके अतिरिक्त हल्दी-दूध का सेवन करें.