हिंदुस्तान में हर साल हजारों लोगों को डेंगू हो जाता है. कई बार यह महामारी का रूप भी ले लेता है. डेंगू बुखार होना पिछले कुछ सालों में बहुत बढ़ गया है. इसे फैलाने वाला एडीज मच्छर गर्मी व नमी वाली स्थान पनपता है.
बारिश बंद होने के बाद धूप से गर्मी व उमस तो होती ही है साथ ही ये मौसम मच्छर के लिए बहुत अनुकूल होता है. थोड़ा सा भी पानी जहां होगा वहाँ बड़ी तेजी से मच्छर पनपने लगते है. इन मच्छरों के कारण ही डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां इस मौसम में बेहद होती है.
- गिलोय की डंडी , पपीते की कोमल पत्ती व कालमेघ के पत्ते इन तीनों को पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें. यह काढ़ा दिन में चार बार ले. तथा चार चम्मच ग्वार पाठे का रस दिन में तीन बार पियें. इससे तीन चार दिन में डेंगू अच्छा हो जाता है. डेंगू का ये बहुत ही अच्छा , सस्ता व सुलभ उपचार है. कई बार चिकित्सक भी इसे लेने की सलाह देते है. साथ ही उबाल कर ठंडा किया हुआ चार पांच लीटर पानी रोज पीना चाहिए. इस पानी में थोड़ी मात्रा में ग्लूकोज मिला सकते है.
- ऑयल , घी , चिकनाई , तेज मिर्च मसाले आदि से परहेज रखना चाहिए. दलिया , खिचड़ी आदि हल्का भोजन लेना चाहिए. पपीता, अमरुद सेब, संतरा, अनार, गाजर का रस, नारियल पानी , आदि लेने चाहिए. विशेषकर पका हुआ पपीता अच्छा रहता है । पपीते की सब्जी भी ले सकते है. उबला पपीता खा सकते है.
- गिलोय की साफ व धुली हुई डंडी लगभग 10 ग्राम एक गिलास पानी में डालकर उबालें. जब पानी आधा कप रह जाये तो छान कर लें. ठंडा होने पर पियें. इससे प्लेटलेट्स की संख्या में बढ़ोतरी होती है.
- पपीते के ताजा कोमल पत्ते का रस दिन में चार बार दो दो चम्मच लेने से प्लेटलेट्स तेजी के साथ बढ़ते है.
- तुलसी के पत्ते पीस कर पानी के साथ लेने से बुखार में आराम मिलता है. प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनती है.
- घर के अंदर कपूर जलाकर इसकी धुआं सब तरफ करें । इसकी गंध मच्छर को भगा देती है. नीम के ऑयल का दीपक जलाएं. जब तक दीपक जलेगा मच्छर नहीं आएंगे.