कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. इस बीच रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के चिकित्सकों के एक समूह ने कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य संस्थानों में मोबाइल फोन के प्रयोग पर पाबंदी की अनुशंसा की है.
चिकित्सकों ने चेतावनी दी कि ऐसे उपकरण वायरस के वाहक हो सकते हैं व स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमित कर सकते हैं.
बीएमजे ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक आर्टिक्ल में डॉक्टरों ने बोला कि मोबाइल फोन की सतह एक विशिष्ट उच्च जोखिम वाली सतह होती है, जो सीधे चेहरे या मुंह के सम्पर्क में आती है. भले ही हाथ अच्छे से धुले हुए क्यों न हों. इसलिए इस महामारी में अस्पतालों में मोबाइल फोन के प्रयोग पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए.
एक अध्ययन के मुताबिक कुछ स्वास्थ्यकर्मी हर 15 मिनट से दो घंटे के बीच अपने फोन का प्रयोग करते हैं. मोबाइल को धोया नहीं जा सकता, इसलिए इसके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है. मोबाइल फोन की वजह से हाथों के साफ होने के भी बहुत अर्थ नहीं रह जाते. इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि मोबाइल रोगजनक विषाणुओं के लिए संभावित वाहक हैं.
10 प्रतिशत भी हमेशा सफाई नहीं करते: भारत में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि उच्च विशिष्टता वाले अस्पतालों में लगभग 100 फीसद स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल में मोबाइल फोन का प्रयोग करते हैं, लेकिन उनमें से 10 फीसद ही कभी अपने मोबाइल को साफ करते हैं. सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक मोबाइल फोन, काउंटर, टेबल के ऊपरी हिस्से, दरवाजों की कुंडियां, शौचालय के नल, की-बोर्ड, टेबलेट्स आदि के साथ सबसे ज्यादा स्पर्श की जाने वाली सतहों में से एक हैं. इनसे संक्रामक एक से दूसरे आदमी में सरलता से फैल सकता है.
हेडफोन के प्रयोग की सलाह: चिकित्सकों के समूह ने आईसीयू व ऑपरेशन थियेटर जैसी जगहों पर मोबाइल फोन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही बात करते वक्त इसके चेहरे पर सीधे स्पर्श से बचने के लिये हेडफोन के प्रयोग की सलाह दी है. उनका बोलना है कि मोबाइल फोन, हेडफोन या हेडसेट्स को किसी के साथ साझा न करें. जहां संभव हो वहां इंटरकॉम सुविधा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए.
दिशा-निर्देशों में मोबाइल का जिक्र नहीं: दुनिया स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) व सीडीसी जैसे विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों की तरफ से कई जरूरी दिशानिर्देश हैं, जिनमें बीमारी की रोकथाम व नियंत्रण के तरीका निहित हैं. आर्टिक्ल में बोला गया कि इन दिशा-निर्देशों में मोबाइल फोन के प्रयोग का कोई उल्लेख नहीं है. यह आर्टिक्ल समुदाय एवं परिवार चिकित्सा विभाग के डाक्टर विनीत कुमार पाठक, डाक्टर सुनील कुमार पाणिग्रही, डाक्टर एम मोहन कुमार, डाक्टर उत्सव राज व डाक्टर करपागा प्रिया पी ने लिखा है.