बाहर से आकर गांव में छिपे प्रवासी बन सकते हैं कोरोना बम

बक्सर : कोविड-19 ऐसी वैश्विक महामारी है, जो छुआछूत से एक से अनेक लोगों को चेन बना संक्रमित कर दे रहा है। करीब तीन माह से इसको लेकर जन-जन तक प्रचार-प्रसार द्वारा जानकारी दिए जाने के बावजूद लोग नासमझी कर रहे हैं। खासकर गुजरात, महाराष्ट्र आदि शहरों से प्रवासी गांव में आ रहे हैं और चुपके से घरों में दुबक जा रहे हैं। यह नासमझी समाज के लिए बड़ा कोरोना बम बन सकती है।

कुछ जागरूक प्रतिनिधि अथवा ग्रामीण समाज को संक्रमित होने से बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा दिए गए नम्बर पर कॉल कर सूचित कर रहे हैं और प्रवासियों की जांच कर क्वारंटाइन करा रहे हैं। जबकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पूरे समाज को मुसीबत में डालना चाह रहे हैं। हालांकि, पंचायत प्रतिनिधियों मुखिया, वार्ड सदस्य को प्रशासन द्वारा जिम्मेदारी दी गई है कि गांव में कोई भी बाहर से आता हो तो पुलिस-प्रशासन को अवगत कराएं। लेकिन, पंचायत प्रतिनिधि शिथिल बने हुए हैं। ऐसा ही मामला मुफ्फस्सिल थाने के पीसी कॉलेज के समीप का है। विगत गुरुवार की शाम कुछ जागरूक लोगों द्वारा प्रशासन को कॉल कर बताया गया कि फलां व्यक्ति के घर में महाराष्ट्र से चलकर तीन व्यक्ति आए हुए हैं। जो घर में छिपे हैं, इनकी जांच भी नहीं हुई है। चौसा में भी ग्रामीणों द्वारा एक मोहल्ले में आए चार लोगों के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें क्वारंटाइन सेंटर भिजवाया गया। जबकि, बाहर से रेड जोन व कंपार्टमेंट जोन से आए कई प्रवासी हैं जो घरों में छिपकर बैठे है। न तो इनकी जांच हुई है, न ही घरों में सामाजिक दूरी का पालन कराया जा रहा है। गांव में भी वे लोग खुलेआम घूम रहे हैं। जबकि इनके आने के बारे में पंचायत प्रतिनधि को जानकारी है। लेकिन, इनकी जांच कराने की पहल नहीं की जा रही है।
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महाराष्ट्र से ट्रक द्वारा गांव पहुंचे दर्जन भर प्रवासी
चौसा प्रखण्ड के तिवाय गांव में विगत गुरुवार की देर रात सीमा से बेधड़क ट्रक पर लदकर दर्जन से अधिक प्रवासी मुम्बई से आ गए। मुम्बई अभी देश में कोविड संक्रमण में पहले स्थान पर है। गांव में इन प्रवासियों के पहुंचते ही हलचल मच गई। गांव के कई लोग प्रशासन तक इसकी जानकारी देने लगे। हालांकि, रात्रि पहर वे सभी अपने-अपने घरो में चले गए। जानकारी के बाद प्रशासन द्वारा खास तवज्जो नहीं देने से परेशान ग्रामीणों द्वारा मीडिया को जानकारी दी गई। जिसके बाद प्रशासनिक हलचल शुरू हुई। सभी प्रवासियों को पंचायत के क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया। तब ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
Posted By: Jagran
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