गर्मियों में बच्चों के शरीर में पानी की कमी बन सकती है निर्जलीकरण का करण

जयपुर हेल्थ। निर्जलीकरण यानी डिहाइड्रेशन बच्चों के लिए सबसे घातक माना जाता है। यह गर्मियों में होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है, जो शरीर में पानी की कमी का संकेत देती है। बच्चे निर्जलीकरण के प्रति अधिक प्रवण होते

हैं क्योंकि वयस्कों की तुलना में उनके शरीर में पानी का प्रतिशत अधिक होता है। यदि तरल पदार्थ का सेवन अपर्याप्त है तो बच्चे को उल्टी, दस्त, बुखार, या पसीने की वजह से निर्जलीकरण हो सकता है। निर्जलीकरण की गंभीरता भिन्न हो
सकती है। ये हल्के से गंभीर और जीवन घातक हो सकती है। जरूरी नहीं कि ये समस्या सिर्फ किसी बच्चे को ही हो, यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। अगर इसका इलाज सही समय पर नहीं किया जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है।
निर्जलीकरण का कारण हो सकता है, शरीर से ज्यादा मात्रा में पसीना निकलना, बुखार, उल्टी, दस्त, बहुत ज्यादा पेशाब आना। निर्जलीकरण के लक्षण है, काफी ज्यादा प्यास लगना, बार-बार मुंह सूखना, ज्यादा पेशाब नहीं आना, सूखी व ठंडी त्वच, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, पिछले आठ घंटे से पेशाब नहीं आना, सुस्ती या उनींदापन, सूखे, फ़टा मुंह, जीभ और होंठ।
इसे भी पढ़े- जांघों को मजबूत करने के लिए करें इन एक्सरसाइज को
अगर आपका बच्चा निर्जलीकरण से पीड़ित है तो आप उसे चावल, केला, आलू, और जिलेटिन जैसे धुंधले पदार्थों का सेवन करने के लिए दें। यदि आपका बच्चा निर्जलित है तो उसे पानी, ओआरएस, या अन्य तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी, नींबू पानी बार-बार दें। हर 5-10 मिनट में घूंट में पीने के लिए प्रोत्साहित करें। बहुत अधिक फलों का रस न दें।
निर्जलीकरण को रोकने के लिए सुनिश्चित करें कि आपका प्रीस्कूल का बच्चा खूब तरल पदार्थ का सेवन करे विशेष रूप से जिस दिन बहुत गर्मी हो, या जब उसे उल्टी, दस्त, या बुखार हो। यदि आपका बच्चा बीमार लग रहा हो तो उसे तुरंत अस्पताल ले जाएं। गंभीर निर्जलीकरण की स्थिति में, बच्चे को एक अंतःशिरा तरल पदार्थ दिया जा सकता है जब तक वह पुनर्जलीकृत न हो जाए।

अन्य समाचार