बक्सर : पवित्र रमजान माह व आने वाले ईद पर्व की खास व्यंजन लजीज सेवइयों का बाजार अब सजने लगा है। हालांकि, कोविड-19 से बचाव को लगी लॉकडाउन में वैसी रौनक नहीं है। फिर भी धीरे-धीरे बाजार में सेवइयों की दुकानें सजने लगी है। दुकानदारों ने बताया कि इस लॉकडाउन बमुश्किल सेवइयों की रेंज मिल पा रही है। हालांकि, मिठास वही पुरानी वाली है। पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिकांश रेंज की कीमतें बढ़ी हुई है। उन लोगों द्वारा बताया गया कि महीन सेवइयों से लेकर मोटी सेवइयां बाजार में उपलब्ध है।
साथ ही मेवों व खजूरों की मांग के अनुसार दुकानदारों द्वारा दुकानों पर सजाया गया है। आमतौर पर सालोंभर बाजार में सेवइयों की बिक्री होती है। साथ ही, खजूर भी बेचे जाते हैं। लेकिन, माहे रमजान में विशेष रूप से सऊदी अरब व ईरान से मंगाए खजूर लोगों की पहली पसंद होते हैं। रोजा खोलते समय यदि चना और खजूर है तो यह माना जाता है कि अल्लाह तआला ने सभी नियामतें बख्श दी। इधर, बाजार में कीमत व रेंज की बात की जाए तो दुकानदार ललन जी ने बताया कि इस समय बाजार में लक्छा, किमामी, फेनी व रुमाली के अलावा मोटी सेवइयों की रेंज उपलब्ध है। क्योंकि लॉकडाउन में सेवइयों का प्रोडक्शन कम हो रहा है। वहीं, बाहर से सामान भी नहीं आ पा रहे हैं। लच्छा सेवई विगत वर्ष 90 से सौ रुपये किलो बिक रही थी। लेकिन, आज इसकी कीमत 120 रुपये किलो है। वहीं, किमामी सेवई पुराने दर पर बिक रही है। फेनी 70 से 80 रुपये तो रुमाली की कीमत 50 से 80 रुपये है। वहीं, खजूर का रेंज 260 से 400 रूपये किलो तक की रेंज में उपलब्ध है।
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Posted By: Jagran
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