बच्चों का खेलना, बाहर जाना बंद है. उन्हें घर में कठिनाई हो रही हैं. उनमें भी तनाव, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, हिंसा के लक्षण आ रहे हैं. बहुत ज्यादा हद तक बड़ों में भी ऐसे ही लक्षण आ रहे हैं.
कोरोना के डर से लोग हर एक-दूसरे आदमी को संक्रमित समझने लगे हैं. बहुत ज्यादा बार तो एक-दूसरे से गलत आचरण कर रहे हैं. ऐसा न करें. यह बात गायत्री होम्योपैथिक क्लीनिक एंड रिसर्च सेंटर डॉ शरद चंद्र राय ने कही. उन्होंने बताया कि बहुत लोग खांसी बुखार नॉर्मल फ्लू को भी कोरोना का संक्रमण समझ रहे हैं व अवसाद का शिकार हो रहे हैं. लॉक डाउन में आपका मानसिक स्वास्थ्य अस्वस्थ हो रहा है इससे निपटने के लिए सकारात्मक सोचें. व्यायाम करें, योगा करें, घर के कार्य करें, पानी खूब पिएं, पौष्टिक भोजन ले, पर्याप्त नींद लें. होम्योपैथी में आयुष मंत्रालय द्वारा लक्षणों के आधार पर कुछ दवाइयां बताई गई हैं. कई अस्पतालों द्वारा वितरण भी चल रहा है.