हर साल की तरह दुनिया में आज अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जा रहा है. मरीजों की देखभाल और सेवा के जरिए नया जीवनदान देनेवाली नर्सों की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता. डॉक्टर के बाद मरीजों के प्रति उनका विशेष लगाव ही उन्हें बिस्तर से जल्द उठने में मदद करता है. इसलिए आज का दिन उनके सम्मान में विशेष तौर पर मनाया जाता है. मगर आप जानते हैं किसकी याद में इस दिवस को मनाया जाता है ? इस दिन के पीछे का इतिहास क्या है ?
12 मई को दुनिया नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल को याद करती है. उन्होंने क्रीमिया के युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी. एक मोर्चे पर उन्होंने कई महिलाओं को नर्स की ट्रेनिंग दी तो दूसरी तरफ सैनिकों का इलाज भी किया. इस तरह अपनी सेवा भाव के जरिए विक्टोरियन संस्कृति में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी. उन्हें 'लेडी विद द लैंप' के नाम से पहचान मिली.
फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म ब्रिटिश परिवार में 12 मई 1820 को हुआ था. उन्होंने 1860 में सेंट टॉमस अस्पताल और नर्सों के लिए नाइटिंगेल प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना कर ख्याति बटोरी. इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स (ICN) 1965 से अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाता आ रहा है. इस बार अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 2020 की थीम ICN की वेबसाइट के मुताबिक, 'विश्व स्वास्थ्य के लिए नर्सिंग है' रखा गया है. महामारी काल में दिग्गज नर्सों के समर्पण भाव को याद कर रहे हैं.
On the occasion of International nurses day, especially in these tough times your continued dedication and service to mankind is praiseworthy and inspiring, I salute your commitment and unwavering efforts to help those most in need.