लॉकडाउन में रहने की वजह से लोगों की दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। घर में पूरा दिन बिता देने पर महिलाओं की फिजिकल एक्टिविटी में कमी आ गई है। इसी वजह से कई महिलाओं को शरीर में दर्द, भूख टाइम पर नहीं लगने और रात में नींद ना आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह से उनकी परेशानियां और भी ज्यादा बढ़ गई हैं। अगर आप भी इसी समस्या से जूझ रही हैं तो परेशान ना हों। आयुर्वेद में खानपान से जुड़े कुछ आसान उपाय बताए गए हैं जिन्हें फॉलो करने से आप लॉकडाउन में ना सिर्फ हेल्दी लाइफस्टाइल बरकरार रख सकते हैं, बल्कि शरीर में दर्द और भूख ना लगने जैसी समस्याओं से भी राहत पा सकते हैं-
भूनकर या पीसकर इस्तेमाल करें मसाले
वायरल इन्फेक्शन से बचाव के लिए मसालों के सेवन की सलाह दी जाती है, लेकिन कच्चे मसालों शरीर के लिए उतने उपगोगी साबित नहीं होते। आयु्र्वेद के अनुसार भुने या पिसे हुए मसाले शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाते हैं और कई तरह की बीमारियों से भी सुरक्षा देते हैं। विशेष रूप सेबरसात के मौसम में अगर तवे पर भूनकर मसाले का इस्तेमाल किया जाए तो वह बहुत फायदा देता है।
खाना कच्चा या गला हुआ ना हो
ज्यादातर घरों में सब्जी कुकर में बनती है, जिससे वह बहुत ज्यादा गल जाती है। वहीं कुछ घरों में कड़ाही में खाना पकाए जाने के दौरान सब्जियां कच्ची भी रह जाती हैं। ये दोनों ही स्थितियां सही नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार भाप में पके हुए खाने में पौष्टिक तत्व बरकरार रहते हैं। बॉयल की हुई सब्जियां भी शरीर को फायदा देती हैं, लेकिन ज्यादा गली या कच्ची रह जाने वाली सब्जियों से शरीर को पर्याप्त न्यूट्रिशन नहीं मिल पाता। साथ ही ऐसी सब्जियां सेहत के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकती हैं।
बहुत ज्यादा मीठा नहीं है अच्छा
बहुत सी महिलाओं को मीठी चीजें खाने का मन बार-बार करता है। मीठे फूड आइटम्स खाने में स्वाद लगते हैं, लेकिन इनकी ज्यादा मात्रा सेहत को फायदा पहुंचाने की जगह नुकसान पहुंचा सकती है। इसीलिए आप चीनी के बजाय नेचुरल स्वीटनर्स जैसे कि शहद या गुड़ आदि का इस्तेमाल करें। इससे एनर्जी लेवल बरकरार रहता है और सेहत को नुकसान पहुंचने का डर नहीं रहता। अगर आपको यह खबर अच्छी लगी तो इसे जरूर शेयर करें। हेल्दी लाइफ से जुड़ी अपडेट्स पाने के लिए विजिट करती हें हरजिंदगी
गरम खाना खाएं
गरमागरम खाना खाने में जितना स्वादिष्ट लगता है, सेहत के लिए भी उतना ही अच्छा होता है। गरम खाना पेट में आसानी से पचता है, जबकि ठंडा खाना पचाने के लिए शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा का इस्तेमाल करना पड़ता है। बहुत सी महिलाएं भूख लगने पर ज्यादा खाना खा लेती हैं और इसके बाद उन्हें परेशानी महसूस होती है। आयुर्वेद के अनुसार जितनी भूख हो, उससे थोड़ा कम खाना पेट के लिए अच्छा रहता है। इससे खाया गया खाना आसानी से पच जाता है और अपच जैसी समस्या भी नहीं होती।
आटे का चोकर है फायदेमंद
गेंहू में फाइबर होता है, जो शरीर की पाचन क्रिया को सही बनाए रखता है, लेकिन इस फाइबर का ज्यादातर हिस्सा चोकर में होता है। बहुत सी महिलाएं आटा गूंथते वक्त चोकर को अलग कर देती हैं, जिससे उसमें फाइबर की मात्रा भी कम हो जाती है। ऐसा ना करें। आटा छानने के बाद अगर चोकर में कुछ और तत्व नजर आएं तो उन्हें हटा दें और चोकर वापस आटे में मिला लें। चोकर वाले आटे का सेवन करने से डाइजेशन अच्छा रहता है और कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है।
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