कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक और दावा किया जा रहा है जिसमें कहा गया है कि अब मां का दूध कोरोना का इलाज कई हद तक संभव है। द जर्नल ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी में एक प्रकाशित रिसर्च में ये दावा किया गया। इसके अनुसार, मां के दूध से एंटीबॉडी बनाकर उसका परीक्षण किया गया है।
रिसर्च में सामने आया है कि संक्रमित महिला के दूध में कोरोना का एंटीबॉडी हो सकता है जो उसके बच्चे को बचाने में कारगार साबित हो सकता है। इसी वजह से संक्रमित महिलाओं को भी अपने बच्चों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए स्तनपान जारी रखने की सलाह दी गई है। दावा किया गया है कि दूध के जरिए वायरस का संचरण नहीं होता है और उसमें एंटीबॉडी हो सकता है।
डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना वायरस के संपर्क में आने के बाद कुछ बच्चों में दुर्लभ, जानलेवा लक्षण विकसित हो रहे हैं, जिसे साइंटिस्ट पीडियाट्रिक मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम कहा जा रहा है। इसे भी संभावित रूप से कोरोना वायरस से जुड़ा लक्षण बताया जा रहा है। डॉक्टरों को बहुत छोटे बच्चों में कई विकार नजर आ रहे हैं जो उनके शारीरिक अंगों को प्रभावित कर सकते हैं जिसके लिए उन्होंने मां से बच्चों को लगातार स्तनपान कराने की सलाह दी है।